व्रत और त्योहार का सिलसिला शुरू हो चुका है। सावन में नागपंचमी, तीज और रक्षाबंधन के बाद अब घरों में लड्डू गोपाल के जन्मोत्सव की तैयारियां शुरू हो गई है। बाजारों में लोग भगवान श्रीकृष्ण के कपड़े और उनके श्रृंगार का सामान खरीद रहे हैं। मुहूर्त के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म 30 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन हर घर और मंदिर में भगवान का जन्म होता है और वे उन्हें झूले पर झूलाते हैं। 
30 अगस्त को होगा जन्म
जन्माष्टमी का त्योहार भाद्रपद में अष्टमी के दिन मनाया जाता है। कहा जाता है कि श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी के दिन होने के कारण ही इसे जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। इस दिन आधी रात को भगवान ने मथुरा के कारावास में जन्म लिया था। उसके बाद ुनके पिता वासुदेव उन्हें गोकुल में नंद और यशोदा के घर छोड़कर आए थे। सोमवार 30 अगस्त को इस बार यह त्योहार मनाया जाएगा। मंदिरों में सजावट होगी और घरों में लोग झाकियों से दरबार सजाएंगे। भोग बनाया जाएगा।
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केवल 45 मिनट रहेगा पूजा का मुहूर्त
जानकारी के मुताबिक 29 अगस्त की रात 11 बजकर 25 मिनट से लेकर 30 अगस्त को रात एक बजकर 59 मिनट तक अष्टमी तिथि रहेगी। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के लिए बाल गोपाल की पूजा 30 अगस्त को रात 11 बजकर 59 मिनट से शुरू होगी और यह रात में 12 बजकर 44 मिनट तक रहेगी। इस तरह से देखा जाए तो पूजा के लिए केवल 45 मिनट ही मिलेगा। इस दौरान भगवान को स्नान कराया जाएगा और वस्त्र पहनाकर उनका श्रंगार किया जाएगा। उनको भोग लगेगा और आरती होगी। लोग उन्हें झूला झुलाएंगे।
ऐसे मनाए गोपाल का जन्मदिन
सबसे पहले घर में एक साफ जगह पर सफाई कर लें। एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और कृष्ण की मूर्ति को एक थाली जैसे पात्र में रखें। भगवान को स्नान कराकर उनको स्थापित करें। उनके सामने धूप और दीपक को जलाकर फूल अर्पित करें। प्रार्थना करें कि वह पूजा को स्वीकार करें. भगवान की मूर्ति को पंचामृत से भी स्नान कराएं और गंगाजल भी छिड़के। उनको वस्त्र पहनाकर श्रंगार करें। इसके बाद उनकी आरती करें और उनको चंदन व रोली लगाएं। इसके बाद भगवान को भोग अर्पित करें। उनको आप मिश्री, मक्खन, पंजीरी और अन्य तरह के भोग भी चढ़ा सकते हैं। उनको तुलसी पत्र और गंगाजल भी दें। भगवान से प्रार्थना करें और पुष्प अर्पित करें।
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