देश के किसी भी राष्ट्रपति का 38 साल बाद अयोध्या दौरा:
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज अयोध्या में हैं. राष्ट्रपति के स्वागत में अयोध्या में जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गए है, ताकि उन्हें धर्मनगरी अयोध्या में होने का अलग अहसास हो सके. राष्ट्रपति के इस अयोध्या दौरे की सबसे ख़ास बात यह है कि वे रामलला के दर्शन करने वाले देश के पहले राष्ट्रपति और अयोध्या पहुंचने वाले वो देश के दूसरे राष्ट्रपति होंगे.
उनके इस दौरे में देश की प्रथम महिला सविता कोविन्द भी साथ में मौजूद रहेगीं. अपने उत्तर प्रदेश के दौरे के आखिरी दिन राष्ट्रपति रामलला के दर्शन करने के साथ-साथ, पर्यटन विकास की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण भी करेंगे. जिसमें योगी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना ‘रामायण कॉन्क्लेव’ भी शामिल है.
राष्ट्रपति स्पेशल प्रेजिडेंशियल ट्रेन से अयोध्या पहुंचेंगे. जहाँपर उनकी अगुवाई के लिए प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या जंक्शन पर मौजूद रहेंगे. राष्ट्रपति के साथ रेलवे बोर्ड के चेयरमैन, नॉर्दन रेलवे के जनरल मैनेजर और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी 12 कोच के प्रेसिडेंशियल ट्रेन में यात्रा करने वाले हैं.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से पहले देश के सातवें राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने साल 1983 में हनुमानगढ़ी और कनक भवन मंदिर में दर्शन-पूजन किया था. 38 साल पहले राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह फैजाबाद (अब अयोध्या) में गुरुद्वारा नानकपुरा में दर्शन करने आए थे. इसके बाद वे अयोध्या दर्शन करने गए थे.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अयोध्या हनुमागढ़ी में हनुमंतलाल और रामजन्म भूमि परिसर में रामलला विराजमान का दर्शन करेंगे. इसके बाद रामलला विराजमान परिसर में ही रुद्राक्ष का पौधा लगाएंगे. इससे पहले जब प्रधानमंत्री मोदी 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन शिलान्यास कार्यक्रम में आये थे, तो उन्होंने रामजन्म भूमि परिसर में पारिजात का पौधा लगाया था.
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के पहले राष्ट्रपति का यह दौरा, इसलिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता कि वे ऐसे समय अयोध्या आ रहे हैं, जब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिव्य और भव्य राम मंदिर निर्माण के साथ रामनगरी और रामलला का खोया वैभव वापस लौट रहा है. राष्ट्रपति रामलला के दर्शन करने के साथ राम मंदिर निर्माण की प्रगति की ओर भी गौर करेंगे, जिस ओर देश ही नहीं दुनिया के लाखों करोड़ो रामभक्तों की निगाह है. राष्ट्रपति की इस यात्रा को प्रभु श्रीराम और रामनगरी की अस्मिता को राष्ट्र की अस्मिता से जोड़ कर देखी जा रही है.