राष्ट्रपति चुनाव में छत्तीसगढ़ कांग्रेस में भी सेंधमारी हुई है। द्रौपदी मुर्मू को छत्तीसगढ़ में 21 वोट मिले हैं। भाजपा के 14 वोट एनडीए के पास थे। बसपा के 2 और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ के 3 विधायकों ने मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया था। सभी को मिलाकर कुल 19 वोट होते हैं, लेकिन द्रौपदी मुर्मू को 21 वोट मिले। जाहिर है कांग्रेस खेमे में सेंधमारी हुई है। राष्ट्रपति चुनाव के आए नतीजे के अनुसार छत्तीसगढ़ से 21 विधायकों ने एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया। 69 वोट विपक्षी दल के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के खाते में गए। छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधायकों ने वोट दिए थे।

राष्ट्रपति चुनाव के फार्मूले के मुताबिक छत्तीसगढ़ के एक विधायक के वोट का मूल्य 129 है। यूपीए उम्मीदवार को छत्तीसगढ़ से 9,159 वोट मिलना था, लेकिन कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी यशवंत सिन्हा को 8,901 वोट मिले यानी 69 विधायकों का समर्थन मिला। वहीं यूपीए उम्मीदवार को 2,451 वोट मिलना था, लेकिन द्रौपदी मुर्मू को 2709 वोट यानी 21 विधायकों का समर्थन मिला। क्रास वोटिंग की बदौलत द्रोपदी मुर्मू को विपक्ष के सभी 19 विधायकों के अलावा सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के 2 विधायकों का वोट मिल गया है। भाजपा नेताओं ने कांग्रेसी विधायकों से मुर्मू को समर्थन का आग्रह किया था।
किस पार्टी के कितने विधायक और सांसद
बता दें कि छत्तीसगढ़ के 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 71 विधायक हैं। लोकसभा में 2 और राज्यसभा में 4 सांसद हैं। वहीं भाजपा के पास 14 विधायक, 9 लोकसभा सांसद और 1 राज्यसभा सांसद हैं। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जेसीसीजे) के 3 और बहुजन समाज पार्टी के 2 विधायक हैं। बसपा व जेसीसीजे ने NDA प्रत्याशी को समर्थन देने का ऐलान किया था। ऐसे में 19 विधायक और 10 सांसदों के वोट एनडीए प्रत्याशी का समर्थन मिलना था। छत्तीसगढ़ से द्रौपदी मूर्मू को 21 विधायकों का समर्थन मिला। 2 कांग्रेसी विधायकों ने पार्टी लाइन से हटकर अपनी अंतर्रात्मा से मुर्मू को वोट किया है। राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू की ऐतिहासिक जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने रायपुर में जश्न मनाया और मुंह मीठा कराया।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features