राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द आज तुर्कमेनिस्तान के चार दिवसीय दौरे पर जाएंगे। वे एक से चार अप्रैल तक पूर्व रूसी गणराज्य के इस देश की यात्रा पर रहेंगे। उसके बाद वे नीदरलैंड (हालैंड) की यात्रा पर रहेंगे। बता दें कि यह दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि ऐसा पहली दफा होगा कि कोई भारतीय राष्ट्रपति तुर्कमेनिस्तान की यात्रा करेंगे। राष्ट्रपति इस दौरान दोनों देशों के समकक्षों के साथ द्विपक्षीय एवं अंतरराष्ट्रीय मसलों पर चर्चा करेंगे। वहीं कुछ समझौतों और सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर भी होने की संभावना है।
नीदरलैंड से भी होंगे कई समझौते
नीदरलैंड दौरे पर भी राष्ट्रपति कई समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। दरअसल भारत और नीदरलैंड आपसी कूटनीतिक संबंध स्थापित होने की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इसी के साथ प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) के मामले में नीदरलैंड हमारा चौथा सबसे बड़ा पार्टनर है। पिछले साल ही दोनों देशों के बीच वर्चुअल शिखर सम्मेलन में जल प्रबंधन के क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की थी। बता दें कि नीदरलैंड जल प्रबंधन के क्षेत्र में विश्व में भी एक बड़ा नाम है। भारत इससे जुड़े प्रौद्योगिकी एवं बाढ़ प्रबंधन एवं अन्य क्षेत्रों के अगुआ के साथ मिलकर पानी से जुड़ी अपनी कई समस्याओं को हल कर सकता है
दोनों देशों में है पुराने संबंध
भारत के तुर्कमेनिस्तान और नीदरलैंड के साथ कई सालों से राजनयिक और व्यापारिक संबंध बड़े अच्छे रहे हैं। तुर्कमेनिस्तान के साथ 1994 में राजनयिक संबंधों की शुरुआत हुई थी। भारत और तुर्कमेनिस्तान के संबंधो की बात की जाए तो इसका जीता जागता उदहारण दिल्ली में मौजूद तुर्कमान गेट है जो 1650 में निर्मित किया गया था। वहीं नीदरलैंड के साथ भारत के 1947 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए। नीदरलैंड विदेशी निवेश में भारत का छठा सबसे बड़ा निवेशक देश है।