पहली बार प्राइवेट कंपनियां सैटेलाइट प्रोजेक्ट में शामिल, IRNSS-1 की आज हुई लॉन्चिंग...

पहली बार प्राइवेट कंपनियां सैटेलाइट प्रोजेक्ट में शामिल, IRNSS-1 की आज हुई लॉन्चिंग…

इसरो (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन) गुरुवार को अपना आठवां रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट लॉन्च करेगा. गुरुवार शाम 7 बजे  श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पेड से ‘आईआरएनएसएस-1’ की लॉन्चिंग होगी, इसे पीएसएलवी-सी 39 की मदद से अंतरिक्ष में छोड़ा जाएगा.पहली बार प्राइवेट कंपनियां सैटेलाइट प्रोजेक्ट में शामिल, IRNSS-1 की आज हुई लॉन्चिंग...विधान परिषद के सातवें नेता होंगे योगी आदित्यना‌थ, जो मुख्यमंत्री की कुर्सी रखेंगे बरकरार…

इसरो के मुताबिक, आईआरएनएसएस-1 ए की एटॉमिक क्लॉक्स बंद पड़ गई है, जो भारतीय स्पेस मिशन में बड़ी समस्या साबित हो सकती है. बता दें कि इससे पहले रशियन ग्लोनास और यूरोपियन स्पेस एजेंसी के प्रोग्राम में भी यही दिक्कत आई थी.

इसीलिए 1425 किग्रा का यह सैटेलाइट आईआरएनएसएस-1 ए की जगह भेजा जा रहा है. मिशन रीडनेस रिव्यू (एमआरआर) कमिटी और लॉन्च अथॉराइजेशन बोर्ड (एलएबी) ने आईआरएनएसएस-1 के काउंटडाउन की अनुमति दी है.

किस तरह मदद करेगा आईआरएनएसएस 

इसरो ने बताया कि यह पहली बार है जब सैटेलाइट बनाने में प्राइवेट कंपनियां सीधे तौर पर शामिल हुई हैं. आईआरएनएसएस-1 एच को बनाने में प्राइवेट कंपनियों का 25% योगदान रहा. गौरतलब है कि आईआरएनएसएस का पहला हिस्सा 1 जुलाई 2013 को लॉन्च किया गया था. इसका दूसरा हिस्सा अप्रैल 2018 में लॉन्च किया जाएगा. इस सैटेलाइट प्रोग्राम के पूरी तरह चालु होने से लोकेशन बेस्ड सर्विस जैसे कि रेलवे, सर्वे, इंडियन एयर फोर्स, डिजास्टर मैनेजमेंट को बड़ी मदद मिलेगी. ऐसा कहा जा रहा है कि आने वाले समय में आईआरएनएसएस, जीपीएस की जगह लेगा. 

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com