शास्त्रों और आयुर्वेद में संयमित दिनचर्या के बारे में काफी विस्तार से बताया गया है। यहां सुबह उठने से लेकर शाम को सोने तक खाने पीने का जिक्र तो मिलता ही है साथ ही अन्य नियम भी हैं। उनका पालन करने से घर में खुशहाली आती है और मन भी प्रसन्न रहता है। शास्त्रों में कुछ चीजों को लेकर काफी कड़ाई से पालन करने की बात कही गई है, वहीं कुछ चीजें निषिद्ध हैं। इसमें शाम को सूर्यास्त के बाद किन चीजों को करना है और किन चीजों को नहीं इसका भी जिक्र मिलता है। बताया जाता है कि सूर्यास्त के बाद कुछ ऐसे काम हैं जो बिल्कुल नहीं करने चाहिए। इससे श्रीहानि होती है और जीवन में भी दुख बना रहता है। कर्मों का मनुुष्य के भाग्य पर असर पड़ता है इसलिए लोग इनको मानते भी हैं। वैसे यह सिर्फ सनातन हिंदू ही नहीं बल्कि जैन धर्म में भी कहा गया है। वहां भी सूर्यास्त के बाद भोजन करने की मनाही है। तो आइए जानते हैैं ऐसे कौन से कार्य हैं जो सूर्यास्त के समय नहीं करना चाहिए।
चार कामों को शाम में कहें न
मनुसंहिता में इस बात का वर्णन मिलता है कि शाम को चार चीजें बिल्कुल नहीं करनी चाहिए। अगर बहुत जरूरी है तो भी संभव हो उसे न करें। ऐसा करने से जीवन में बाधाएं आती हैं। यह चार काम कुछ इस प्रकार हैं।
भोजन न करें
शाम को सूर्यास्त के बाद भोजन करने की मनाही है। कहा जाता है कि सूर्यास्त के बाद भोजन करने पर अगले जन्म में मनुष्य को पशु योनी में जन्म लेना होता है। हालांकि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में यह संभव नहीं है। जैन धर्म में आज भी कई लोग शाम के बाद भोजन नहीं करते हैं। हालांकि वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो रात में भोजन करके सोने से तो मना किया ही गया है।सूर्यास्त के समय न सोएं
यह एक ऐसा काम है जो दिन में सिर्फ एक बार और अगर बहुत आवश्यक है तो दो बार कर सकते हैं। नींद क्योंकि मनुष्य के लिए बहुत आवश्यक है इसलिए कहा जाता है कि रात बनाई गई है। शास्त्रों के अनुसार सूर्यास्त के समय बीमार और बच्चों को ही सोना चाहिए। इनके अलावा कोई स्वस्थ्य महिला या पुरुष का सोना ठीक नहीं। इससे धनहानि होती है और बरक्कत नहीं होती।संबंध बनाने से करें परहेज
हिंदूओं में संधि काल को विशेष मान्यता दी गई है। सूर्यास्त के दौरान भी ऐसा होता है। इस समय सूर्य अस्त हो रहा होता है और रात का अंधेरा छा रहा होता है। ऐसे में ससर्ग करना हानिप्रद बताया गया है। जानकारी के मुताबिक इस समय किसी प्रकार के संबंध बनाना ठीक नहीं है और इस दौरान संबंध बनाने से उत्पन्न संतान भी आपको कष्ट दे सकते हैं।न करें शास्त्र अध्ययन, उधार न दें
आपने देखा होगा कि दुकानों और बड़े कारोबारी संध्या के समय अपने बहीखाते की पूजा करते हैं। इस दौरान किसी को उधार नहीं देते। शाास्त्रों में यह कहा गया है कि इस समय ध्यान और साधना करें लेकिन वेद और शास्त्रों का अध्ययन सिर्फ ब्रह्म मुहूर्त में ही करें शाम को नहीं। इसके अलावा अपना पैसा उधार किसी को भी शाम को न दें।