लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ठाकुरगंज में तीन साल की मासूम से दुष्कर्म केस में क्षुब्ध बहुजन मुस्लिम महासभा ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस को काला दिवस के रूप में मनाया।
रूमी गेट के सामने प्रदर्शनकारियों ने काले गुब्बारे व हाथ पर काली पट्टी बांधककर नारेबाजी की। सरकारी रवैए पर नाराजगी दिखाते हुए मासूम के समर्थन में उतरी बहुजन मुस्लिम महासभा ने पांच सूत्रीय मांगों का ज्ञापन एसीएम संतोष सिंह को सौंपा।होली पर ठाकुरगंज में तीन साल की मासूम से पड़ोसी ने दुष्कर्म किया था।
बदहवास हालत में बच्ची केमिलने पर आक्रोशित घरवालों ने आरोपित की धुनाई कर पुलिस को सौंप दिया था। महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अहमद महबूब शेख ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन और डाक्टर पर आरोप लगाया कि वह पीडि़ता को किसी से मिलने नहीं दे रहे हैं। यही नहीं किस तरह का क्या उपचार किया जा रहा है उसकी भी जानकारी नहीं दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि बच्ची की मां ने डाक्टरों पर धमकाने का भी आरोप लगाया है। राष्ट्रीय प्रवक्ता शेख ताहिर सिद्दीकी ने महिलाओं की सुरक्षा पर सरकार से सवाल किया कि जब राजधानी में ही मासूम बच्चियां व महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं तो प्रदेश के अन्य जनपदों की हालत तो और भी बुरी होगी।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का स्लोगन सरकार के लिए ढोंग साबित हो रहा है। महिला प्रकोष्ठ उपाध्यक्ष गुलनाज बानो ने मुख्यमंत्री राहत कोष और निर्भया कोष से आर्थिक-शैक्षिक सहायता दिए जाने की मांग की। साथ ही मेडिकल कालेज प्रशासन के खिलाफ ठोस कार्रवाई करते हुए मासूम का उच्च स्तरीय चिकित्सा उपलब्ध कराने की मांग भी रखी। एसीएम को सौंपे गए पांच सूत्रीय ज्ञापन में महासभा के नेताओं ने अपील की यदि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो इसी तरह प्रदर्शन होते रहेंगे।