चेन्नई के एगमोर स्टेशन में एक आरपीएफ जवान की सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई ने एक पैसेंजर को जीवनदान दे दिया। के षणमुगम नाम के इस आरपीएफ जवान की तारीफ हो रही है। आरपीएफ के मुताबिक यहां एक पैसेंजर को दादर एक्सप्रेस से सफर करना था, लेकिन देरी स्टेशन पहुंचा पैसेंजर ट्रेन पर तब चढ़ रहा था जब ट्रेन स्टेशन से खुल चुकी थी और रफ्तार भी पकड़ ली थी। इसी दौरान इस शख्स का हाथ दरवाजे के हैंडल से फिसल गया और वह नीचे गिर पड़ा, तब तक ट्रेन रफ्तार पकड़ चुकी थी।राष्ट्रपति चुनाव: रामनाथ कोविन्द के घर लगा लोगों की भीड़ जुटना होगी शुरू…
ये शख्स दरवाजे का हैंडल पकड़कर प्लेटफॉर्म के साथ घसीटते हुए जा रहा था। इस शख्स का पैर ट्रेन और प्लेटफॉर्म के बीच बचे खाली जगह में फंस गया था। अगर 10 सेकेंड की भी देरी होती तो स्पीड की वजह से ट्रेन का हैंडल छूट सकता था और उसके बाद क्या होता अंदाजा लगाना भी मुश्किल था। लेकिन तभी सामने खड़े आरपीएफ जवान की नजर इस शख्स पर पड़ी और वह दौड़ पड़ा। वीडियो से दिख रहा है कि उसने अपने हाथ में कुछ चीज पकड़ रखी थी। जवान ने तुरंत उस सामान को नीचे रखा और दौड़कर दोनों हाथों से उस शख्स को पकड़ लिया। इसके लिए उसे ट्रेन के साथ साथ कुछ दूर तक दौड़ना भी पड़ा। लेकिन आखिरकार इस जवान की बहादुरी की वजह से इस पैसेंजर की जान बच गई। हालांकि घटना के बाद दादर एक्सप्रेस फिर से रुक गई और ये यात्री फिर से इसी ट्रेन में सवार होकर अपने गंतव्य की ओर चला गया।
बाद में के षणमुगम ने बताया कि घटना के वक्त उसके दिमाग में किसी भी तरह से पैसेंजर को बचाने की चिंता थी। इस जवान का कहना है कि वह पहले भी कई लोगों की मदद कर चुका है, लेकिन इतनी बड़ी घटना में उसने पहली बार किसी की मदद की है। के षणमुगम ने कहा कि लोगों को कम से कम आधा घंटा पहले स्टेशन पहुंचना चाहिए, ताकि ऐन मौके पर होने वाली अफरा तफरी से बचा जा सके। आरपीएफ चेन्नई डिवीजन के वरिष्ठ अधिकारियों ने के षणमुगम का नाम बहादुरी पुरस्कार के लिए भेजने का फैसला किया है। कई अधिकारियों ने आरपीएफ के इस जवान की बहादुरी की तारीफ की है।