ठेले वालों से लेकर खाद्य सामग्री बेचने वालों के जरूरी फूड लाइसेंस की राशन दुकानदार खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। जिले की 810 राशन की दुकानें बिना किसी खाद्य लाइसेंस के चल रही हैं। आधे से कम दुकानदारों के पास ही खाद्य लाइसेंस हैं। एफडीए की जांच में खुलासा होने के बाद अब लाइसेंस न बनवाने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई होगी। 
जिले में 1407 राशन की दुकानें हैं। सभी को राशन वितरण से पहले खाद्य लाइसेंस खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन से लेना जरूरी है। इसके बावजूद सिर्फ 603 द़ुकानदारों ने ही लाइसेंस लिया है। बाकी बिना लाइसेंस के राशन बेच रहे हैं। कई ने सिर्फ एक साल का ही लाइसेंस ले रखा है। ऐसे में बिना लाइसेंस के दुकानदार आराम से मनमाना राशन बेच रहे हैं। जानकारी होने पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने राशन दुकानों पर छापेमारी की। इसमें कई दुकानदार खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के बिना लाइसेंस राशन बेचते हुए मिले। अब उनको नोटिस देकर फूड लाइसेंस बनवाने का निर्देश दिया जाएगा। अगर उन्होंने लाइसेंस नहीं बनवाया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
विजय प्रताप सिंह, अभिहीत अधिकारी एफडीए का कहना है कि सभी राशन दुकानदारों के पास फूड लाइसेंस होना चाहिए। आधे से भी कम दुकानदारों ने लाइसेंस बनवाया है। जिन्होंने बनवाया है, वह भी सिर्फ एक साल का ही बना है। ऐसे में बिना फूड लाइसेंस के राशन वितरित किया जा रहा है। यह गलत है। अखिलेश श्रीवास्तव, जिला पूर्ति अधिकारी कहते हैं कि फूड विभाग से जानकारी दी गई है। लाइसेंस बनवाना जरूरी है। सभी को निर्देश दिया जाएगा। जिन दुकानदारों ने फूड लाइसेंस नहीं बनवाया होगा, उनका बनवाया जाएगा। जिससे राशन वितरण के सभी मानक पूरे हो सकें।
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