आफत बनकर बरस रही बारिश, खतरे के निशान के करीब गंगा

उत्तराखंड में बारिश आफत बनकर बरस रही है। नदी-नाले उफान पर हैं तो सड़के जगह-जगह बंद होने से मुसीबतों में इजाफा हुआ है। लगातार हो रही बारिश से गांव से लेकर शहर तक काफी नुकसान किया है। बारिश के कारण हरिद्वार में गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा के ऊपर 293.05 मीटर पर पहुंच गया है। वहीं, ऋषिकेश और चम्बा के बीच गंगोत्री हाईवे का करीब 40 मीटर भाग ध्वस्त हो गया। टिहरी की जिलाधिकारी ईवा श्रीवास्तव ने दोनों हाईवे पर आवाजाही पर रोक लगा दी है। डीएम के अनुसार गंगोत्री हाईवे को दुरुस्त करने में करीब एक सप्ताह का समय लग सकता है, जबकि बदरीनाथ हाईवे को लेकर उम्मीद जताई कि शनिवार शाम मलबा साफ कर दिया जाएगा।

रवासन नदी ने लिया रौद्र रूप

लगातार हो रही बारिश से हरिद्वार जिले के लालढांग में श्यामपुर क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। रवासन नदी ने पिछले कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ते रौद्र रूप ले लिया है। इससे राजाजी टाइगर रिजर्व की रवासन रेंज को भी खतरा है। पिछले कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए रवासन नदी रवासन यूनिट के पहुंची समीप पहुंच गई है। गुर्जर बस्ती सहित कई गांवों में बरसात का पानी घुस गया है। वहीं, क्षेत्र में हो रहे कटाव के कारण मीठी बेरी के नवनिर्मित पुल की एप्रोच पर दरार पड़ गई है।

गंगा चेतावनी रेखा के पार, मुख्य चौराहा जलमग्न

हरिद्वार में रात से हो रही जोरदार बारिश से मुख्य चौराहा भगत सिंह चौक जलमग्न हो गया है। चौराहे पर कई फीट पानी जमा हो जाने की वजह से एक बस भी पानी में फंस गई है। इसके अलावा कई सड़कें जलमग्न हो गई हैं। तमाम कॉलोनियों और बाजारों में पानी भर गया है। बारिश के चलते गंगा का जलस्तर भी चेतावनी निशान के ऊपर पहुंच गया है। सिंचाई विभाग के अधिकारी गंगा के जलस्तर पर नजरें बनाए हुए हैं। वहीं, जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। नदी के किनारे और डूब क्षेत्र के इलाकों को छोड़ने की सलाह दी गई है। इसके अलावा सबी बाढ़ चौकियों को भी अलर्ट कर दिया गया है। सारी जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा कैंतूरा ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है और पूरी सतर्कता बरती जा रही है।

तीन घंटे बंद रहा कोटद्वार-दुगड्डा और दुगड्डा-गुमखाल राजमार्ग

कोटद्वार और आसपास के क्षेत्रों में बीती रात करीब दस बजे से रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है। बारिश के कारण क्षेत्र में नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है। भाबर क्षेत्र में सिगड़ी स्रोत का जलस्तर बढ़ने के कारण कई काश्तकारों की भूमि नदी की भेंट चढ़ गई है। बारिश के कारण कोटद्वार-दुगड्डा और दुगड्डा-गुमखाल के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग पर मलबा आ गया, जिस कारण राजमार्ग पर करीब तीन घंटे यातायात बाधित रहा। राजमार्ग विभाग ने मलवा हटाकर यातायात को सुचारू कर दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई स्थानों पर संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं। बारिश से किसी तरह के जान माल की नुकसान की सूचना नहीं है।

उत्तराखंड में तीन दिन से हो रही बारिश जनजीवन पर भारी पड़ने लगी है। बारिश और भूस्खलन का सर्वाधिक असर सड़कों पर पड़ा है। देवप्रयाग से ऋषिकेश के बीच चार स्थानों पर मलबा आने से बदरीनाथ हाईवे भी बंद हो गया। खतरे की आशंका को देखते हुए दोनों हाईवे पर आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। नतीजतन गढ़वाल मंडल के चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी जिलों का देहरादून से ऋषिकेश से संपर्क कट गया।

प्रदेश में बीते तीन दिनों में औसतन 640 एमएम बारिश रिकार्ड की गई। इसमें सर्वाधिक 464 एमएम देहरादून और इसके बाद 306 एमएम मसूरी में दर्ज की गई। गुरुवार देर रात बारिश के दौरान टिहरी जिले में ऋषिकेश से 38 किलोमीटर दूर चम्बा के पास फकोट नामक स्थान पर एक बरसाती नाले में आए उफन से गंगोत्री हाईवे का एक हिस्सा बह गया। जिलाधिकारी ने बताया कि सीमा सड़क संगठन की टीम को क्षतिग्रस्त हिस्से के निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद ही मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा। बदरीनाथ हाईवे को लेकर उन्होंने बताया कि सड़क तोताघाटी, शिवपुरी, गूलर और कौडियाला के पास बंद थी, लेकिन दोपहर तक शिवपुरी तक मार्ग खोल दिया गया था। तोताघाटी में लगातार गिर रहे मलबे के कारण सड़क खोलने में दिक्कतें आ रही हैं।

शनिवार के लिए यलो अलर्ट

प्रदेश में फिलहाल बारिश से राहत मिलने की संभावना नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार अनुसार शनिवार को नैनीताल, चम्पावत और बागेश्वर में भारी बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने इसके लिए यलो अलर्ट जारी किया है।

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