प्राचीन कहानियां हैं प्रचलित
जानकारी के मुताबिक, कलावे का हिंदू धर्म में कितना महत्व है इसके बारे में कई कथाएं प्रचलित हैं। कहा जाता है कि राजा बलि ने वामन को कलावा बांधा था। वामन विष्णु का अवतार था और उन्होंने सबसे दानि राजा बलि से तीन पग में लोक को नाप लिया था। कहते हैं कि कलावा बांधने से भगवान की कृपा भी बनी रहती है। अलग-अलग रंग के कलावे का भी महत्व है। इसी प्रकार बताते हैं कि वृत्रासुर से युद्ध के लिए इंद्र जा रहे थे और तब इंद्राणी ने इंद्र के हाथ में रक्षासूत्र बांध कर उनको युद्ध के लिए भेजा था। इससे वह विजय हुए थे।
राशियों के अनुसार कलावे का महत्व
मेष राशि वालों के लिए लाल रंग का कलावा काफी अच्छा होता है। वृषभ राशि वालों के लिए सफेद रंग का कलावा काफी अच्छा होता है। इससे माता लक्ष्मी की कृपा आती है। मिथुन राशि वालों के लिए हरे रंग का मौली धागना बांधना अच्छा है। इससे भगवान गणेश की कृपा मिलती है। कर्क राशि वालों के लिए भी सफेद रंग का कलावा अच्छा है। सिंह वालों के लिए लाल रंग का धागा बांधने से सूर्य की कृपा बनती है। कन्या राशि वालों के लिए भी हरा कलावा अच्छा है। तुला राशि वालों के लिए सफेद कलावा काफी शुभ माना जाता है। वृश्चिक राशि वालों के लिए लाल धागा जरूरी बताया जाता है। यह मंगल ग्रह को काफी मजबूती प्रदान करता है। मकर राशि के लिए नीले रंग का, कुंभ राशि के लिए नीले रंग का और मीन राशि के लिए पीले रंग का कलावा अच्छा है। कलावा बांधने का वैज्ञानिक महत्व भी है। इससे कफ और पित्त रोग भी कम होता है। इसके अलावा ब्लड प्रेशर और दिल का दौरा जैसी दिक्कतें भी खत्म होती है।
GB Singh
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