RBI ने पीएनबी पर 114 अरब घोटाले के बाद गिराई गाज....

RBI ने पीएनबी पर 114 अरब घोटाले के बाद गिराई गाज….

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 114 अरब का घोटाला सामने आने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने बैंक पर गाज गिराते हुए कहा है कि सारी देनदारी की उसे ही भरपाई करनी होगी। अगर पीएनबी ने अन्य बैंकों को इतने बड़े घोटाले की भरपाई नहीं की तो फिर बैंकिंग सेक्टर को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा।RBI ने पीएनबी पर 114 अरब घोटाले के बाद गिराई गाज....पीएनबी ने मांगी सरकार से मदद
पीएनबी ने इस संकट से उबरने के लिए सरकार से मदद मांगी है। पीएनबी के पास इतनी रकम नहीं है कि वो बैंकों को इतनी बड़ी भरपाई कर सके। इस मामले से जुड़े दो अधिकारियों ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि अगर पीएनबी ने अन्य बैंकों को नुकसान की वापसी नहीं करता तो फिर सभी 30 बैंकों को काफी बड़ा लॉस होगा। इससे वित्तीय मार्केट में असंतुलन भी बढ़ने की उम्मीद है। 

बैंकिंग सिस्टम में हुआ अब तक का सबसे बड़ा घोटाला

पीएनबी घोटाला देश के बैंकिंग इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस घोटाले को बाहरी लोगों ने नहीं बल्कि बैंकों के कर्मचारियों ने ही अंजाम दिया है। पीएनबी बैंक के कर्मचारियों द्वारा बनाए गए एलओयू पर नीरव मोदी और उनके अंकल मेहुल चोकसी के गीतांजलि ग्रुप को अन्य बैंकों ने लोन दिया। इतना ही नहीं, अन्य बैंकों ने इस एलओयू के आधार पर लोन पर लगने वाले इंटरेस्ट रेट को कम कर दिया। 

2010 से चल रहा था फ्रॉड

बैंक की ब्राडी हाउस शाखा में यह गोरखधंधा 2010 से चल रहा था। पीएनबी ने 2011 में इसकी शिकायत जांच एजेंसियों से की थी। लेकिन तब कुछ खास नहीं हुआ। बैंक को फिर इसकी जानकारी इसी साल जनवरी में हुई जब एक कर्मचारी रिटायर्ड हुआ। इसी रिटायर्ड कर्मचारी ने ही एलओयू जारी किए थे। 

पीएनबी ने रखा अपना पक्ष
बैंक ने कहा कि नीरव मोदी ने 1 जनवरी में देश छोड़ दिया था। हमने सीबीआई को इसकी जानकारी 29 जनवरी 2018 को दे दी थी। सीबीआई ने 31 जनवरी को केस रजिस्टर्ड किया था। उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया था।

एमडी सुनील मेहता ने कहा कि हमारी जानकारी में आया कि बैंक के 2 कर्मचारियों की तरफ से अवैध लेन-देन किया गया। जानकारी मिलते ही कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई।  हालांकि पीएनबी ने यह भी कहा कि अन्य बैंकों की ओवरसीज ब्रांचो ने जो लोन दिया उसमें उन्होनें आरबीआई के नियमों की अनदेखी की।  

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