कोरोना महामारी के बाद अब जाकर भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट में बढ़ोतरी की गई है। इसका असर अब आम लोगों पर पड़ेगा। उन्हें अब लोन की किस्तों को बढ़ाकर देना होगा। कोरोना के बाद आरबीआई ने पिछले चार सालों से रेपो रेट में वृद्धि नहीं की थी। अब अचानक से रेपो रेट बढ़ने से इसका असर आम लोगों पर भी पड़ेगा। आइए जानते हैं।
आरबीआई गर्वनर ने दी जानकारी
भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई के गर्वनर शक्तिकांत दास की ओर से यह जानकारी दी गई है। उन्होंने बुधवार को बताया कि रेपो रेट में बढ़ोतरी होगी। नीतिगत दर रेपो रेट को 0.40 फीसद तक बढ़ाया गया है। यह रेपो रेट अचानक से बढ़ाया गया है। बताया जा रहा है कि यह बैठक अचानक से हुई है और बिना किसी तय कार्यक्रम के शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में हुई बैठक में मौद्रिक नीति समिति की बैठक में नकद आरक्षित अनुपात को भी 0.50 फीसद बढ़ाया गया है।
कितना हुआ रेपो रेट, क्या पड़ेगा असर
बता दें कि मौद्रिक नीति समिति की बैठक में जो रेपो रेट बढ़ाने का फैसला हुआ है उसमें 0.50 फीसद की बढ़ोतरी की गई है। जबकि मुद्रास्फीति की दर दूसरे महीने भी छह फीसद के ऊपर ही बनी हुई है। इससे बचत करने वालों को काफी दिक्कत हो रही है। आरबीआई की ओर से जो रेट बढ़ाया गया है उससे बैंक के ग्राहक काफी पीड़ित होंगे। क्योंकि कर्ज काफी महंगा होगा और लोग को लोन अधिक दर पर लेना होगा और चुकाना होगा। ईएमआई बढ़ने से अधिक पैसा लोगों को देना होगा। रेपो रेट आरबीआई बैंकों को देने वाले लोन को कहता है। अगर आरबीआई ने अपना लोन महंगा किया तो बैंक को महंगा कर्ज मिलेगा और ग्राहकों को भी बैंकों को अधिक ईएमआई देनी होगी।
GB Singh