RBI ने बैंक लॉकर का बदला नियम, जानें क्या है खास

         भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई की ओर से बैंक लॉकर के नियम बदले गए हैं। यह नियम आपको भले ही कुछ अजीब लग सकते हैं लेकिन अब बैंकों को भी लॉकर देखने की अनुमति दे दी गई है। बैंक लॉकर अभी तक पूरी तरह से बैंक के संरक्षण में लेकिन बैंकर उपयोगकर्ता के अधिकार क्षेत्र में होता था। आरबीआई के नए नियम के मुताबिक अब अगर बैंक लॉकर को लंबे समय से नहीं खोला गया है तो बैंक उसे खोल सकती है। आरबीआई ने और क्या बदले हैं नियम, आइए जानते हैं।

क्या कहता है नया नियम
बैंक लॉकर में लोग अपने जेवर के अलावा कई दस्तावेज और पैसे भी रखते हैं। यहां यह पूरी तरह सुरक्षित होता है और घर में हमेशा किसी न किसी प्रकार का डर बना रहता है। बैंकों का लॉकर इस मामले में काफी सुरक्षित माना गया है। लेकिन अब यह सुविधा आरबीआई के नए नियम के बाद कुछ हद तक समस्या पैदा करने वाली हो सकती है। नया नियम कहता है कि अगर बैंक लॉकर को उपयोगकर्ता ने लंबे समय तक नहीं खोला है तो बैंक इसे खोल सकता है। इसमें चाहे बैंक लॉकर का किराया जमा किया जा रहा हो लेकिन फिर भी बैंक को अधिकार होगा कि वह आपका लॉकर चेक कर ले।

नियमों में हुआ है बदलाव
आरबीआई ने बैंकिंग के साथ ही प्रोद्योगिकी, शिकायतों और भारतीय बैंक संघ की ओर से आई प्रतिक्रिया के बाद यह कदम उठाया है। आरबीआई ने लॉकर को लेकर जो दिशानिर्देशों में बदलाव किए हैं उससे निष्क्रिय बैंक लॉकरों के संबंध में बैंकों को जानकारी दी गई है। नए दिशानिर्देशों के मुताबिक, अब बैंक लॉकर को तोड़ भी सकते हैं और उसका सही तरीके से निपटारा भी कर सकते हैं। इसके लिए समय सात साल का तय किया गया है, यानी अगर सात साल तक लॉकर नहीं खोला जाता है और भुगतान नियमित किया जाता है तो बैंक लॉकर तोड़ सकता है।

लोगों को किया जाएगा सतर्क
दिशानिर्देश के मुताबिक, अगर बैंक लॉकर अगर कोई किराए पर ले रहा है तो बैंक उसे पत्र, ईमेल, मोबाइल नंबर और एसएमएस के माध्यम से सूचित करेगा। अगर किसी भी चीज का जवाब नहीं मिलता है तो बैंक लॉकर से संबंधित सूचना अखबार में जारी किया करेगा। दिशानिर्देश में कहा गया है कि जब लॉकर खोला जाए तो बैंक का एक अधिकारी और दो स्वतंत्र गवाह हो और वीडियो रिकार्डिंग हो। लॉकर खोलने के बाद उससे निकले सामान को सीलबंद लिफाफे में रखा जाए और उसमें इंवेंट्री के साथ आग से बचाव की तिजोरी में रखते हुए ग्राहके के दावा करने तक रखें।

GB Singh

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