बैंकों की मनमानी और तमाम शिकायतों पर रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआई) की ओर से तीन सहकारी बैंकों पर कार्रवाई की गई है। रिजर्व बैंक की ओर से बैंकों पर जुर्माना लगाया गया है। आरबीआइ समय समय पर बैंकों पर कार्रवाई करता रहा है। कई बैंकों पर प्रतिबंध लगया गया है तो कई बैंकों पर जुर्माना लगाया है। ये जो तीन बैंकों पर कार्रवाई की गई है उनमें सबसे ज्यादा शिकायतें आ रही थीं।
क्यों लगाया गया जुर्माना
जानकारी के मुताबिक, तीन सहकारी बैंकों पर कार्रवाई की गई है। इन बैंकों में मोगवीरा को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड, इंदापुर अर्बन कोआपरेटिव बैंक और बारामती सहकारी बैंक लिमिटेड को शामिल किया गया है जिनके खिलाफ शिकायतें आई हैं। बताया जा रहा है कि मोगवीरा पर सबसे ज्यादा 12 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है और इंदापुर अर्बन को-आपरेटिव बैंक व बारामती सहकारी बैंक पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। बताया जा रहा है कि इन बैंकों ने नियमों का उल्लंघन किया है। इनकी जांच के बाद आई रिपोर्ट के बाद यह काईवाई की गई है।
मोगवीरा सहकारी बैंक
मोगवीरा सहकारी बैंक पर 31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर रिजर्व बैंक ने कहा कि निरीक्षण रिपोर्ट आ गई है। पता चला है कि बैंक ने डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस (डीईए) फंड में पूरी तरह से दावा किए गया जो फंड था उसे ट्रांसफर नहीं किया गया। इसके साथ ही शिकायत मिली की निष्क्रिय खातों का सालाना रिव्यू किया गया था। बैंक ने रिस्क श्रेणी में रिव्यू करने की भी कोई व्यवस्था नहीं की थी।
इंदापुर अर्बन कोआपरेटिव बैंक
इंदापुर अर्बन कोआपरेटिव बैंक पुणे का बताया जा रहा है। रिजर्व बैंक का इस मामले में कहना है कि बैंक की जांच रिपोर्ट में 31 मार्च 2019 तक असुरक्षित एडवां, की कुल सीलिंग का पालन नहीं किया गया था। बताया जा रहा है कि बैंक ने सभी खातों की रिस्क श्रेणी का समय पर रिव्यू करने का कोई प्रबंध भी नहीं किया। बैंक के पास कोई व्यवस्था नहीं थी जिससे ग्राहक की रिस्क श्रेणी में कोई गलत लेन-देन हो तो अलर्ट मिल जाए।
बारामती सहकारी बैंक
बारामती सहकारी बैंक के बारे में बताया गया कि इसने लेन-देन में प्रूडेंशियल इंटर बैंक एक्सपोजर लिमिट का उल्लंघन किया है। आरबीआइ की ओर से बताया ग या कि तीनों सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाने का निर्णय व्यवस्था में कमी पाए जाने की वजह से लगाया गया है।
ग्राहकों को नुकसान हुआ या फायदा
तीनों सहकारी बैंकों से हजारों ग्राहक जुड़े हुए हैं। आरबीआइ की ओर से की गई कार्रवाई से ग्राहकों पर कोई असर पड़ रहा है कि नहीं इसको लेकर लोगों में काफी असमंजस की स्थिति है। मामले पर आरबीआइ ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि रेगुलेटरी कंप्लायंस में कई प्रकार की कमियों के कारण जुर्माना लगाया गया है। बताया गया कि बैंक की ओर अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेन देन या समझौता की वैधता पर रोक लगाने को लेकर कोई निर्णय नहीं दिया है। यह पहले की तरह की चलता रहेगा।
GB Singh