रिजर्व बैंक आफ इंडिया यानी आरबीआई समय-समय पर नए नियम लागू करता रहता है। कुछ नियम लोगों की सहूलियत को बढ़ाते हैं तो कुछ दिक्कत। अभी खबर आई है कि आरबीआई एक अक्तूबर से क्रेडिट और डेबिट कार्ड धारकों के लिए एक नया नियम लागू करने जा रहा है। नियमों के बदलने से काफी हद तक करोड़ों कार्ड धारकों को काफी सहायता मिलेगी। क्या है आरबीआई का आटो डेबिट पेमेंट न्यू रूल, आइए जानते हैं।.
एक अक्तूबर से लागू होगा नियम
जानकारी के मुताबिक डेबिट कार्ड से बिजली, मोबाइल और अन्य दूसरी चीजों का भुगतान करते हैं। बताया जा रहा है कि रिजर्व बैंक ने एडिशनल आॅथेंटिकेशन फैक्टर के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए गए हैंं। एक अक्तूबर से यह आॅटो डेबिट के भुगतान का सिस्टम बदला जाएगा। जानकारी के मुताबिक, रेकरिंग आॅनलाइन भुगतान में ग्राहकों के हितों और सुविधाओं को देखते हुए उनको हर प्रकार की धोखाधड़ी से बचाया जाएगा। लेकिन साथ ही इंडियन बैंक एसोसिशन ने अपील की है कि इसकी डेडलाइन भी बढ़ाई जाए जिसके बाद इसे 31 मार्च 2021 से 30 सितंबर तक कर दिया गया है। ताकि फ्रेमवर्क को पूरा किया जा सके।
ग्राहकों को क्या होगा फायदा
रिजर्व बैंक की ओर से फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए 31 मार्च 2021 तक का समय था। लेकिन अब यह सितंबर तक कर दिया गया है। काफी बार समय बढ़ाया गया है। अब कहा जा रहा है कि अगर सही समय पर यह फ्रेम वर्क नहीं हो पाया तो कार्रवाई के लिए भी कहा गया है। अगर यह गाइडलाइन एक अप्रैल से लागू हो जाती है तो काफी ग्राहक अपना डेबिट कार्ड यूज करने में परेशानी उठाते। एक तो उनके भुगतान भी लटकते और किसी तरह का सब्सक्रिप्शन या अन्य कार्य भी नहीं हो पाता। अब इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन का कहना है कि जिन ग्राहकों ने इसे लागू करने के लिए अपनी सहमति जताई है वह 30 सितंबर के बाद फेल हो जजाएगी। कई बैंक ई-मैनडेट के लिए आरबीआई के दिशानिर्देशों का पालन करके उसके मुताबिक कदम नहीं उठा रहे हैं। आरबीआई के दिशानिर्देशों के मुताबिक, बैंकों को भुगतान की तारीख से पांच दिन पहले ही संदेश भेजना होगा और तभी भुगतान की मंजूरी मिलने पर ग्राहक ही इसको मंजूर करेगा। अगर भुगतान 5000 से अधिक है तो बैंकों को वन टाइन पासवर्ड भेजना होगा। यह सुरक्षा से ग्राहकों को धोखाधड़ी से राहत मिलती।
GB Singh