दरों में कोई बदलाव नहीं
जानकारी के मुताबिक रेपो रेट में कोई बदलाव आरबीआई की ओर से नहीं किया गया है। इसे पहले की ही तरह चार फीसद पर रखा गया है। साथ ही रिजर्व बैंक की ओर से रिवर्स रेपो रेट को भी नहीं बदला जाएगा। यह भी फैसला लिया गया है कि पहले की तरह ही यह दर रहेगी। अभी यह 3.35 फीसद है। बताया जा रहा है कि यह नौवीं बार है कि जब रेपो रेट में कोई बढ़ोतरी या कमी नहीं की है। यह लगातार हुआ है। पहले आरबीआई ने मई 2020 में रेपो रेट को कम किया था। बताया जा रहा है कि रेपो रेट का यह स्तर 2021 अप्रैल के बाद सबसे कम है।
रेपो और रिवर्स रेपो रेट जानें और फायदे
आरबीआई भी बैंकों को कर्ज देता है। जो कर्ज वह देता है उसे रेपो रेट और जिस दर पर देता है उसे ही दर मानी जाती है। जैसे अभी आरबीआई चार फीसद पर बैंकों को कर्ज दे रहा है। अब दूसरे बैंक ग्राहक को कर्ज देते हैं। अगर आरबीआई ने मान लीजिए रेपो रेट 4.5 फीसद किया होता तो बैंक भी अपने ग्राहक को बढ़ाकर लोन देते और आम लोगों को लोन पर ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ता। वहीं रिवर्स रेपो रेट वह होता है जिसमें बैंक जो राशि रिजर्व बैंक में जमा करता है उसमें ब्याज आरबीआई देता है। रिवर्स रेट के माध्यम से बाजार में नकद पैसा कंट्रोल करते हैं। अब रिवर्स रेट अगर ज्यादा होगा तो बैंक अपना पैसा आरबीआई के पास ज्यादा रखवाएंगे ताकि ब्याज ज्यादा मिले और बाजार में नकदी कम हो। इसलिए इसके माध्यम से आरबीआई बाजार में नकदी को नियंत्रित करता है।
GB Singh