पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 114 अरब का घोटाला सामने आने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने बैंक पर गाज गिराते हुए कहा है कि सारी देनदारी की उसे ही भरपाई करनी होगी। अगर पीएनबी ने अन्य बैंकों को इतने बड़े घोटाले की भरपाई नहीं की तो फिर बैंकिंग सेक्टर को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा।पीएनबी ने मांगी सरकार से मदद
पीएनबी ने इस संकट से उबरने के लिए सरकार से मदद मांगी है। पीएनबी के पास इतनी रकम नहीं है कि वो बैंकों को इतनी बड़ी भरपाई कर सके। इस मामले से जुड़े दो अधिकारियों ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि अगर पीएनबी ने अन्य बैंकों को नुकसान की वापसी नहीं करता तो फिर सभी 30 बैंकों को काफी बड़ा लॉस होगा। इससे वित्तीय मार्केट में असंतुलन भी बढ़ने की उम्मीद है।
पीएनबी ने इस संकट से उबरने के लिए सरकार से मदद मांगी है। पीएनबी के पास इतनी रकम नहीं है कि वो बैंकों को इतनी बड़ी भरपाई कर सके। इस मामले से जुड़े दो अधिकारियों ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि अगर पीएनबी ने अन्य बैंकों को नुकसान की वापसी नहीं करता तो फिर सभी 30 बैंकों को काफी बड़ा लॉस होगा। इससे वित्तीय मार्केट में असंतुलन भी बढ़ने की उम्मीद है।
बैंकिंग सिस्टम में हुआ अब तक का सबसे बड़ा घोटाला
पीएनबी घोटाला देश के बैंकिंग इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस घोटाले को बाहरी लोगों ने नहीं बल्कि बैंकों के कर्मचारियों ने ही अंजाम दिया है। पीएनबी बैंक के कर्मचारियों द्वारा बनाए गए एलओयू पर नीरव मोदी और उनके अंकल मेहुल चोकसी के गीतांजलि ग्रुप को अन्य बैंकों ने लोन दिया। इतना ही नहीं, अन्य बैंकों ने इस एलओयू के आधार पर लोन पर लगने वाले इंटरेस्ट रेट को कम कर दिया।