भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के सभी बैंकों से ग्राहकों के लॉकरों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने और किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतने को कहा है जिसके कारण लॉकरधारकों को बैंकों पर दावे करने पड़ें. इसके अलावा बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों को लॉकर सेवा देने के मामले में कथित समूहबद्ध होने के आरोपों की उचित व्यापार नियामक सीसीआई द्वारा जांच की जा रही है.#GST: अभी इन चीजों का टैक्स रेट घटा सकता है काउंसिल
कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि वित्तीय सेवा विभाग द्वारा ग्राहकों के बैंक लॉकरों से सामग्रियों की चोरी की भरपाई के लिए कोई विशेष परिपत्र जारी नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि बैंकों को रिजर्व बैंक ने सलाह दी है कि वह लॉकरों की सुरक्षा के लिए जवाबदेह होगा.
केन्द्र सरकार के मुताबिक लॉकर की सुरक्षा करने के मामले में कोई ढिलाई नहीं बरती जानी चाहिये जिससे कि लॉकरधारकों की ओर से संबंधित बैंकों पर दावा करने की नौबत आये. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) को मई महीने में ग्राहकों को लॉकर की सेवा प्रदान करने के मामले में बैंकों के खिलाफ शिकायतें प्राप्त हुई थी.
गौरतलब है कि हाल ही में आरबीआई और 19 सरकारी बैंकों से एक आरटीआई के जरिए खुलासा हुआ था कि बैंक लॉकर में किसी तरह की लूटपाट के लिए बैंक जिम्मेदार नहीं है. इसके साथ ही बैंक लॉकर में किसी आगजनी अथवा प्राकृतिक आपदा से पहुंचने वाले नुकसान के लिए भी बैंक जिम्मेदार नहीं होगा.
लिहाजा, रिजर्व बैंक ने अपने निर्देश से साफ करने की कोशिश की है कि बैंको द्वारा दी जा रही लॉकर सेवा शुल्क लेकर दी जाती है लिहाजा लॉकर में रखे ग्राहकों के सामान की पूरी जिम्मेदारी उक्त बैंक पर होगी.
आरबीआई ने आरटीआई के जवाब में साफ कहा है कि उसने बैंकों को लॉकर को लेकर ग्राहकों को होने वाले नुकसान की भरपाई को लेकर कोई निर्देश या सलाह जारी नहीं की है. यही नहीं आरटीआई के जवाब में सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने भी कोई भी जिम्मेदारी लेन से हाथ खड़े कर दिए. इन बैंकों में बैंक ऑफ इंडिया, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, पंजाब नेशनल बैंक, यूको बैंक, कैनरा बैंक और अन्य शामिल हैं. इन बैंकों ने कहा है कि लॉकर को लेकर उनके और ग्राहकों के बीच वैसा ही संबंध है जैसा मकान मालिक और किरायेदार का होता है. इसलिए लॉकर में रखे किसी भी सामान के नुकसान के लिए ग्राहक ही जिम्मेदार है, न कि बैंक.
कुछ बैंक तो लॉकर को लेकर ग्राहकों के साथ अपने एग्रीमेंट में ही साफ कर देते हैं कि लॉकर में रखा कोई भी सामान ग्राहक की खुद की रिस्क पर ही रहेगा और उसकी जिम्मेदारी संबंधित ग्राहक की ही होगी. बैंक किसी भी तरह के युद्ध, अराजकता, चोरी, लूट आदि में लॉकर में रखे किसी भी सामान को हुए नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.