कोरोना महामारी के दौरान आई मंदी अब शायद छंटने लगी है। इससे पहले नोटबंदी उसके बाद जीएसटी और फिर रेरा की वजह से जहां घर खरीदने वालों में कमी आई थी, वहीं अब यह कमी दूर हो रही है। मिली जानकारी के मुताबिक पिछले छह माह में रियल एस्टेट के क्षेत्र में काफी छलांग दिखी है। बिक्री में सौ फीसद तक का इजाफा बताया जा रहा है। सबसे ज्यादा घरों की बिक्री दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में हुई है। क्या है पूरा मामला। आइए जानते हैं।
कंपनी की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
जानकारी के मुताबिक, नाइट फ्रैंक इंडिया जो अचल संपत्ति बाजार से जुड़ी अनुसंधान और परामर्श कंपनी है उसने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद भी जनवरी से जून तक छह माह के दौरान घरों की बिक्री काफी बढ़ गई है। यह सालाना आधार पर देखें तो करीब 100 फीसद की बढ़ोतरी बताई जा रही है। बिक्री सबसे ज्यादा दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्र जैसे नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद और फरीदाबाद में हुई है। अगर यूनिट में देखें तो पिछले साल बिक्री यूनिट जहां 5446 थी वहीं अब यह 11 हजार को पार कर गई है। कंपनी की ओर से मुंबई, दिल्ली एनसीआर, कोलकाता, चेन्नई, बंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबा, और पुणे के लिए यह रिपोर्ट जारी की गई है।
आखिर कैसे बढ़ने लगी घरों की खरीदारी
कंपनी के अनुसार, दिल्ली एनसीआर में पहली छमाही में नए मकानों के लिए इकाई भी बढ़ी। पहले यह 2020 में 1400 के करीब थी और अब यह बढ़कर 2900 से आगे पहुंच गई है। इसमें सौ फीसद से ज्यादा का उछाल आया है। इस बिक्री के बढ़ने के पीछे कई वजह बताई जा रही है। कंपनी की ओर से बताया गया है कि लोगों के अंदर कोरोना को लेकर अभी भी डर है। काफी बुरी तरह सामना करने के बावजूद अभी यह तय नहीं है कि सब कुछ अच्छा होगा। इस बीच रियल एस्टेट कारोबारियों ने काफी छूट और राहत देकर घरों को बेचने में काफी आगे बढ़कर काम किया। इस बीच देखा जाए तो मकानों की कीमत भी काफी गिर गई है। दिल्ली और एनसीआर में जिस मकान की कीमत आज से पांच साल पहले 45 से 50 लाख के बीच थी वह आज 35 से 40 लाख के बीच है। इसी तरह कुछ मकानों के दाम और गिरे हैं।
किस श्रेणी के मकान बिके
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली और एनसीआर में एक करोड़ से ज्यादा कीमत के मकानों की मांग ज्यादा रही। इस श्रेणी के मकान 39 फीसद तक बिके। इसके बाद 50 लाख से कम कीमत वाले मकान 41 फीसद से ज्यादा बिके। 50 लाख से एक करोड़ वाले मकान पिछले छमाही से बढ़कर इस बार 31 फीसद तक पहुंचे। यह पहले 25 फीसद था। गुरुग्राम में भी बिक्री की हिस्सेदारी 32 फीसद तक हो गई। नोएडा में गिरावट देखी गई है, इसका कारण अभी पता लगाया जा रहा है। यह 18 फीसद से घटकर 15 फीसद पर आ गई। हालांकि ग्रेटर नोएडा की हिस्सेदारी अच्छी रही।