फरार चल रहे आइपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने महोबा के क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के बाद से फरार चल रहे मणिलाल पाटीदार को बर्खास्त करने की सिफारिश केंद्र सरकार को भेज दी है। एक लाख के इनामी पाटीदार को राज्य सरकार पहले ही निलंबित कर चुकी है।
मणिलाल पाटीदार करीब डेढ़ साल से फरार चल रहे हैं। अभी तक पुलिस उसे खोज नहीं पाई है। प्रयागराज एडीजी जोन स्तर से उन पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित है। इसके बावजूद अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। प्रदेश सरकार ने औपचारिकताएं पूरी कर बर्खास्त करने की सिफारिश केंद्र भेज दी है। बर्खास्तगी का फैसला केंद्रीय गृह मंत्रालय को लेना है।
सितंबर 2020 में महोबा में पुलिस अधीक्षक रहे मणिलाल पाटीदार को इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के बाद सरकार ने निलंबित कर दिया था। सरकार ने 11 सितंबर, 2020 को उनकी विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे। विजिलेंस जांच में भी महोबा में तैनाती के दौरान उनका वसूली का खेल उजागर हो चुका है।
बता दें महोबा के क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी अपनी कार में आठ सितंबर, 2020 को गोली लगने के कारण घायल पाये गये थे। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। व्यापारी की 13 सितंबर को अस्पताल में मौत हो गई। मौत से कुछ दिन पहले ही व्यापारी ने मणिलाल पाटीदार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।
इंद्रकांत की मौत के बाद उनके भाई ने आरोप लगाया कि पाटीदार ने त्रिपाठी से 6 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। मणिलाल ने धमकी दी थी कि अगर एक सप्ताह के भीतर रकम नहीं दी, तो जान से मार दिया जाएगा या जेल भेज दिया जाएगा।
इसके बाद पाटीदार को भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण सेवा से निलंबित करके जांच का आदेश जारी किया गया। मणिलाल पाटीदार के खिलाफ हत्या का मुकदमा भी दर्ज है। भगोड़ा घोषित करते हुए मणिलाल पर पहले 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था, जिसे बाद में बढ़ाकर एक लाख कर दिया गया।
मणिलाल पाटीदार व्यापारी इंद्रकांत की मौत के मामले में 15 नवंबर से फरार हैं। पुलिस की कई टीमें उनकी खोज में लगी हुई हैं। इसके बावजूद अब तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। पाटीदार के खिलाफ भ्रष्टाचार की भी कई शिकायतें दर्ज हैं। मुख्यमंत्री योगी ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे।