राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का मानना है कि रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में यह विचार करने के बाद ही कोई निर्णय करना चाहिए कि म्यांमार ने उन्हें क्यों निष्कासित किया अथवा वहां से उनके पलायन की नौबत क्यों आई? बिना ‘ड्राइवर’ के 3 किमी दौड़ा ट्रेन का इंजन, ‘हमसफर’ एक्सप्रेस से टकराया
संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने कहा कि मानवता की भी एक सीमा होती है। रोहिंग्याओं के आधार कार्ड और पैन कार्ड बन गए हैं। कायदे से तो उन्हें भारत की सीमा पर ही रहना था और वहां से उनको विदा कर देना था पर वे जम्मू और हैदराबाद में रह रहे हैं। यह भारत के साथ साजिश भी हो सकती है।
विगत तीन दिनों से चल रही संघ के कार्यकारी मंडल की बैठक के समापन के अवसर पर जोशी ने कहा कि जो लोग मानवता की दुहाई देकर रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में बसाने का समर्थन कर रहे हैं, उन्हें पृष्ठभूमि भी देखना चाहिए।
सवाल इस बात का भी है कि म्यांमार से निष्कासित रोहिंग्या आखिरकार चीन या अन्य पड़ोसी देश में क्यों नहीं गए, भारत ही क्यों आए? म्यांमार ने उन्हें क्यों निकाला? जाहिर है, म्यांमार सरकार को जब समस्या का अनुभव हुआ, तब निष्कासित किया। हमें यह सोचकर फैसला करना है कि वे भारत में अशांति का कारण न बनें।
आरक्षण लेने वालों को स्वयं यह तय करना चाहिए कि उन्हें कब तक इसका लाभ लेना है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हिंदुत्व का चेहरा कहे जाने पर जोशी ने कहा कि योगी राष्ट्रीयता का चेहरा हैं। ऐसा मानना महत्वपूर्ण भी है। एक अन्य सवाल के जवाब में जोशी ने कहा कि शासन को अनावश्यक रूप से अड़ियल नहीं होना चाहिए। जीएसटी के मामले में सरकार ने अपना चिंतन जारी रखा है और उसने कुछ कदम उठाए हैं।
किसानों को कर्ज चुकाने लायक बनाए सरकार
उन्होंने कहा कि भारतीय समाज में परिवार नामक संस्था का शुरू से महत्व रहा है। संघ इसकी मजबूती के लिए काम कर रहा है। करीब 20 लाख परिवारों से संपर्क किया जा चुका है। गांवों को भी फोकस किया जा रहा है। जैविक खेती को बढ़ावा देने की जरूरत है।
किसानों को उनकी उपज के वाजिब दाम मिलने चाहिए। सरकारें किसानों को कर्ज तो दे देती हैं पर उन्हें कर्ज चुकाने लायक भी बनाना होगा। इसके लिए फसल के मूल्य निर्धारण की ठोस नीति बनाना होगी। धर्मांतरण के सवाल पर जोशी ने कहा कि लालच, भय और मोह दिखाकर धर्म परिवर्तन कराना गलत है। इस संबंध में जो नियम हैं, उनका कड़ाई से पालन कराने की जिम्मेदारी सरकार की है।
…तो क्या कल दीया जलाने पर भी पाबंदी लगेगी
दिवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध के बारे में कहा कि प्रदूषण पर रोक लगानी चाहिए, मगर सभी पटाखे प्रदूषण फैलाने वाले नहीं होते। दिवाली के त्योहार पर पटाखे आनंद का विषय होते हैं। इस मसले का संतुलित समाधान होना चाहिए, अन्यथा कल कोई यह भी कह सकता है कि दीया जलाने से प्रदूषण होता है।