नरेन्द्र मोदी के प्रधान मंत्री बनने के बाद और भारतीय इतिहास में पहली बार, राष्ट्रीय स्तर पर हिंदुत्व का नाद गूंजेगा. वैसे भी RSS का पुराना संकल्प है भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना, लेकिन क्या सरकार का ये कदम उसी ओर है-ये कहना मुश्किल है?
संसद में पहली बार हिन्दू नववर्ष की धूम रहेगी. संसद के बजट सत्र में वर्ष प्रतिपदा के मौके पर नूतन संवत्सर समारोह का आयोजन किया जा रहा है.
आयोजन की मेज़बानी लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन करेंगी और अतिथि होंगे दोनों सदनों के सांसद और संसद का पूरा स्टाफ होगा.
सचिवालय सूत्रों के अनुसार , आयोजन के लिए संसद में महाराष्ट्र शैली में जहां गुड़ी टांगी जाएगी तो वहीं खास दक्षिण भारतीय रंगोली की सज्जा भी होगी. इस समारोह के लिए संसद के कोर्टयार्ड 9 के पास एक विशेष प्रांगण को कलशों से भी सजाया जा रहा है.
हालांकि यह समारोह एक कामकाजी आयोजन होगा. इसलिए उत्सव भोज का समय संसद के किसी रोजमर्रा दिन की तरह दोपहर के भोजनावकाश के वक्त रखा गया है. सो, श्रीखंड और हलवे की मिठास का स्वाद लेने के बाद सांसदों को सदन में बैठना होगा.
सूत्रों के मुताबिक, आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे. वर्ष प्रतिपदा के साथ ही शुरू हो रही चैत्र नवरात्रि के दौरान पीएम मोदी चूंकि उपवास रखते हैं लिहाजा उनके और अन्य उपवासी सांसदों के लिए सात्विक भोज, नींबू पानी व फलाहार की भी खास व्यवस्था की गई है.
इस आयोजन के लिए लोकसभा अध्यक्ष की ओर से निमंत्रण के साथ ही सभी राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं को उपस्थिति का आत्मीय आग्रह भी किया गया है. इतना ही नहीं सूत्र बताते हैं कि आयोजन के लिए जीएसटी की बहस को 28 की बजाए 29 मार्च के लिए तय किया गया है. ताकि सुस्वादी भोज के बाद सांसदों को पेचीदा जीएसटी बिल पर बहस में ना जुटना पड़े.
महत्वपूर्ण है कि भारत में हिंदी पंचाग के अनुसार नए साल की शुरुआत चैत्र माह की पहली तिथि से होती है. विक्रम संवत्सर का नया वर्ष भी इसी तिथि से शुरू होता है. इससे पहले रविवार को केंद्रीय सूचना प्रसारण व शहरी विकास मंत्री एम वैंकया नायडू ने तेलंगाना, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में मनाए जाने वाले नववर्षोत्सव यानी उगाड़ी का आयोजन किया था. इस समारोह में पीएम मोदी भी पहुंचे थे.
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