राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक और प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे. नंद कुमार ने कहा कि संघ ने महात्मा गांधी की हिंसक मुस्लिम भीड़ से सुरक्षा की थी लेकिन दुर्भाग्य से हिंदू विरोधी तत्वों और वामपंथियों ने अंग्रेजों के इशारे पर झूठा प्रचार कर गांधी की हत्या का आरोप लगाकर संघ को बदनाम किया।कैफियत एक्सप्रेस हादसे के बाद 7 ट्रेनें हुई रद्द, 40 के रूट में हुआ बड़ा बदलाव…
वह मंगलवार को निरालानगर स्थित सरस्वती कुंज के माधव सभागार में हाल में ही संघ से जुड़े विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के लगभग 500 छात्र- छात्राओं को संबोधित कर रहे थे।
संघ की तरफ से इन दिनों संपर्क में आने वाले नए लोगों को संगठन की रीति नीति से परिचित कराने के लिए जगह-जगह शिविर लगाए जा रहे हैं। उसी सिलसिले में मंगलवार को यहां शिविर लगा था।
इसका उद्देश्य संघ के लिए युवाओं की ऐसी खेप तैयार करना है जो आगे चल कर भाजपा और संघ के अन्य संगठनों के लिए मजबूत आधार बनें। इस शिविर को मीडिया के लिए प्रतिबंधित रखा गया था।
जानकारी के मुताबिक, नंद कुमार ने छात्रों से कहा कि महात्मा गांधी 1946 में दिल्ली की एक दलित बस्ती में रहते थे। उस समय मुस्लिमों की तरफ से नए देश की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा था। कुछ ऐसे हालात बने कि कई मुसलमान हिंसक हो गए और महात्मा गांधी की जान लेने पर उतारू हो गए। तब संघ ने उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई थी।
विभाजन के जिम्मेदार मुस्लिम व वामपंथी
उन्होंने कहा, विनायक दामोदर सावरकर प्रखर राष्ट्रवादी थे। वह जानते थे कि हिंदुओं की एकजुटता से ही देश की स्वतंत्रता अक्षुण रह सकती है। इसीलिए न सिर्फ संघ बल्कि हर राष्ट्रवादी व्यक्ति व संगठन के लिए सावरकर आदर्श व सम्मानीय हैं। उन्होंने स्वामी विवेकानंद और उनकी राष्ट्रनिष्ठा के बारे में भी छात्रों को समझाया। कहा कि संघ बगैर किसी भेदभाव के समाज और राष्ट्र की सेवा का व्रत लेकर काम कर रहा है। संघ मुस्लिमों का विरोधी नहीं है। पर, देश के साथ षडयंत्र करने वालों, संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने वालों, हिंदुओं का उत्पीड़न करने वालों और देश को अस्थिर करने वाले तत्वों का वह समर्थन नहीं कर सकता।