बताया जाता है कि जंसा के नईबस्ती से ताजिया के साथ मोहर्रम का जुलूस मिर्जामुराद के करधना बाजार में पहुंचा था। ताजिये के लिए खदेरू साव की दुकान के सामने छायादार जामुन के पेड़ को कुछ लोग काटने लगे। पेड़ काटने का लोगों ने विरोध किया तो विवाद शुरू हो गया। लोगों ने कहा कि ताजिया जाने के लिए रास्ता पर्याप्त है। विवाद के बीच ही मारपीट शुरू हो गई। दुकानदार को लाठी डंडों से पीट दिया गया। खदेरू साव की किराना दुकान को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया। इससे पूरा गांव में अफरातफरी मच गई।
इसकी जानकारी मिलते ही प्रतापपुर बस्ती व अन्य बस्ती के सैकड़ों लोग पहुंच गए। बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचते ही पथराव और ईंटे चलनी लगीं। लोगों को बढ़ता देख जुलूस में शामिल लोग ताजिया लेकर भाग खड़े हुए। इस दौरान ताजिया भी क्षतिग्रस्त हो गई।
सूचना पाकर मौके पर भारी मात्रा में पुलिस फोर्स पहुंची और लोगों को समझाने की कोशिश की। लोग नहीं मानें तो बल प्रयोग कर तितर बितर किया गया। इसी दौरान मामले की जानकारी होते ही हिन्दू संगठन के लोग भी जय श्रीराम व वंदेमातरम का नारा लगाते हुए पहुंच गए। सूचना पर डीआईजी, एडिशनल एसपी, एसपी ग्रामीण, एडीएम प्रशासन रणविजय सिंह, एसडीएम राजातालाब गिरीश द्विवेदी, सीओ बड़ागांव आदि भी पहुंच गए हैं।
थाना प्रभारी मिर्जामुराद ने बताया कि एक ताजिया लाते समय सड़क के किनारे लगे जामुन के पेड़ को काटते समय विवाद बढ़कर विकराल रूप ले लिया। बताया गया कि इस इकलौता ताजिया को करधना बाज़ार होते भटपुरवा गांव ले जा रहे थे। वहां अन्य कई ताजिया सामूहिक रूप से मिलकर कुंडरीया गांव स्थित कर्बला में परम्परागत ढंग से दफन किया जाता है।
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