श्रीनगर: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में गुटबाजी से जूझ रही कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर मंथन जारी है। मंगलवार और बुधवार को निरंतर दो दिनों तक राज्य के नेताओं के साथ पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बैठक की थी। इसके बाद भी इस संबंध में कोई फैसला नहीं हो पाया है। वेणुगोपाल की तरफ से कुछ नाम सुझाए गए थे, मगर उन पर सहमति नहीं बन सकी। हालांकि, बैठक में शामिल अधिकतर गों ने G-23 के नेता कहे जाने वाले गुलाम नबी आजाद का नाम आगे बढ़ाया। भले ही शीर्ष नेतृत्व से गुलाम नबी आजाद के रिश्ते पहले जैसे नहीं हैं, मगर, राज्य के नेताओं ने कहा कि वही ऐसे नेता हैं, जो पार्टी में गुटबाजी खत्म करा सकते हैं।
हालांकि, खुद गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस की इस बैठक में कुछ नहीं कहा और चुपचाप सभी की बात सुनते रहे। बता दें कि पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था और तब से ही नए अध्यक्ष की खोज जारी है। गुलाम अहमद मीर से आजाद के रिश्ते काफी अच्छे नहीं थे और उनके कई विश्वसनीय नेताओं ने मीर के विरोध में अपने पदों से त्यागपत्र दे दिया था। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व खुद गुलाम नबी आजाद को ही जम्मू-कश्मीर में फैसले लेने के लिए फ्रीहैंड दे सकता है। इस अहम बैठक में अंबिका सोनी और रजनी पाटिल भी उपस्थित थीं।
बैठक में जो पहला नाम प्रस्तावित किया गया, वह विकार रसूल वानी का था। मगर, कई लोगों ने उस पर कड़ी आपत्ति जताई थी। इसके अलावा तीन नेताओं पीरजादा सैयद, गुलाम मोहम्मद सरूरी, तारिक हमीद कर्रा का भी नाम लिया गया, किन्तु किसी पर भी सहमति नहीं बन सकी। इस दौरान केसी वेणुगोपाल की तरफ से कहा गया कि यह चर्चा गलत है कि विकार वानी के नाम पर पहले से ही विचार चल रहा है। आप लोगों की सहमति और राय के बगैर कोई भी फैसला नहीं लिया जाएगा।