Finance Ke Funde सीरीज के पिछले एपिसोड में हमने जाना कि अगर आप बाजार को लगातार ट्रैक नहीं कर सकते हैं तो म्यूचुअल फंड आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। क्योंकि आपके निवेश को एक फंड मैनेजर, मैनेज करता है। हालांकि कई निवेशकों के मन में ये सवाल आता है कि म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरुआत कैसे करें, उनके लिए कौन-सा प्लेटफॉर्म सही है, किस म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए? इस सीरीज के दूसरे एपिसोड में हमने इन्हीं सवालों के जवाब जानने कि कोशिश की। इन सभी मुद्दों पर हमसे बातचीत की Avdhesh Garg, Founder & CEO, Confidence Investment ने।
Mutual Fund कितने प्रकार के होते हैं?
इस सवाल के जवाब में Avdhesh Garg ने बताया कि म्यूचुअल फंड मुख्य रुप से दो तरीके के होते हैं। एक Equity Mutual Fund और दूसरा Debt Mutual Fund । इन दोनों में अलग-अलग तरह के जोखिम जुड़े होते हैं। और दोनों अलग-अलग तरह से काम करते हैं। अगर आप इसके बारे में पूरी जानकारी लेना चाहते हैं तो इस वीडियो को यहां पूरा देख सकते हैं।
कितना होता है जोखिम?
Equity Mutual Fund में आपके सारे पैसे शेयर बाजार में लगाए जाते हैं। जिसमें बाजार के उतार-चढ़ाव का रिस्क होता है। जबकि Debt Mutual Fund में आपके पैसे उधार में लगाए जाते हैं जिसमें Interest Rate का रिस्क होता है। Debt Mutual Fund में ब्याज दरें बढ़ने से आपका रिटर्न कम होने का खतरा होता है जबकि ब्याज दरें कम होने से रिटर्न बढ़ने की उम्मीद होती है।
क्या होता है Rule No 72?
इस रुल के जरिए आप ये जान सकते हैं कि आपके पैसे कितने सालों में दोगुने होंगे। इसके लिए आपको जितना भी रिटर्न मिल रहा है उसे 72 से भाग कर दें। गर्ग ने एक उदाहरण के जरिए बताया कि “जैसे मान लीजिए आपको एक साल में 12% का रिटर्न मिल रहा है तो आप 12/72 करेंगे यानी कि 6 सालों में पैसे डबल। इसके साथ ही ध्यान रखें कि जितना ज्यादा Compound Annual Growth Rate यानी CAGR होगा उतनी जल्दी आपका पैसा डबल होगा।”
अगर आप भी Mutual Fund में निवेश करना चाहते हैं तो आप इस सीरीज से जुड़कर Mutual Fund के बारे में सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। “Finance के फंडे” सीरीज के सभी एपिसोड देखने के लिए क्लिक करें-