UNHRC से रूस को निकाला, जानें भारत ने किस पाले में डाला वोट

अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के प्रस्ताव पर गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) से रूस को निलंबित कर दिया गया। अमेरिका और रूस के दबाव को दरकिनार करते हुए भारत ने यूक्रेन मसले पर अपना तटस्थ रुख बरकरार रखा। भारत समेत 58 देश संयुक्त राष्ट्र महासभा के आपात सत्र में हुए मतदान से अनुपस्थित रहे। जबकि निलंबन के प्रस्ताव के समर्थन में 93 वोट पड़े और 24 वोट विरोध में पड़े। अर्थात 92 देशों ने अमेरिका का साथ दिया और चीन सहित 23 देश रूस के साथ खड़े हुए।

यूएन के इतिहास का पहला वाकया

संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में यह पहला मौका है जब संस्था की सर्वोच्च इकाई सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य को सहायक इकाई की सदस्यता से निलंबित किया गया है। मानवाधिकार परिषद में रूस की सदस्यता दिसंबर 2023 तक थी।

रूस ने निलंबन की प्रक्रिया को बताया अवैध 

रूस ने निलंबन प्रक्रिया को अवैध करार दिया है। 47 सदस्यों वाली परिषद से रूस के निलंबन वाले प्रस्ताव पर मतदान को लेकर अमेरिका और रूस ने सदस्य देशों पर लगातार दबाव बनाया हुआ था।

अमेरिका और रूस दोनों ने बनाया था दबाव

अमेरिका जहां अपने प्रस्ताव के समर्थन में भारत का साथ चाहता था, वहीं रूस ने बुधवार को कहा था कि प्रस्ताव के समर्थन और मतदान से अनुपस्थित रहने वाले देशों को वह एक नजर से देखेगा। ऐसे देशों को रूस गैर मित्र देश की श्रेणी में रखेगा और भविष्य में उनके खिलाफ कार्रवाई करेगा।

भारत का तटस्‍थ रुख 

संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन मसले पर हुए मतदान में भारत ने किसी का पक्ष नहीं लिया है और उसकी भूमिका तटस्थ वाली रही। हां, भारत ने रूस के साथ अपनी पुरानी मित्रता कायम रखते हुए यूक्रेन पर रूसी हमले की कभी निंदा नहीं की लेकिन वहां पर शांति कायम रखने की इच्छा लगातार जताई। 

ज्यादातर पड़ोसी रहे अनुपस्थित

मतदान से अनुपस्थित रहने वाले देशों में भारत के साथ पाकिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, मालदीव, श्रीलंका, सऊदी अरब, यूएई, मिस्त्र, कतर, इराक, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, सिंगापुर, मलेशिया और ब्राजील भी शामिल थे।

यूक्रेन ने किया स्‍वागत 

यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की ओर से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से रूस को निलंबित करने के फैसले का स्वागत किया। उन्‍होंने कहा कि हम सभी सदस्य देशों के आभारी हैं जिन्होंने इस प्रस्ताव का समर्थन किया और इतिहास के सही पक्ष को चुना। संयुक्त राष्ट्र निकायों में युद्ध अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है।

शांति कायम करने की इच्‍छा जताई

संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन मसले पर हुए मतदान में भारत ने किसी का पक्ष नहीं लिया है और उसकी भूमिका तटस्थ वाली रही। हां, भारत ने रूस के साथ अपनी पुरानी मित्रता कायम रखते हुए यूक्रेन पर रूसी हमले की कभी निंदा नहीं की लेकिन वहां पर शांति कायम होने की इच्छा लगातार जताई।

नागरिकों की हत्या की निंदा

बूचा में 400 से ज्यादा नागरिकों की हत्या पर भारत ने कड़ा रुख दिखाते हुए उसकी निंदा की और स्वतंत्र जांच की मांग की। अमेरिका यूक्रेन पर रूस के हमले और वहां पर मानवाधिकारों के उल्लंघन के विरोध में संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव लाया था। इसी महासभा के सदस्य गोपनीय मतदान के जरिये मानवाधिकार परिषद के 47 सदस्यों का चुनाव करते हैं।

भारत शांति का पक्षधर

मतदान के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, भारत हिंसा समाप्त कर शांति स्थापित करने के पक्ष में है। हमने प्रक्रिया के तहत निष्कर्ष पर पहुंचते हुए मतदान से दूर रहने का फैसला किया। कहा, यूक्रेन युद्ध के संबंध में भारत का स्पष्ट विचार है कि वहां पर बातचीत और कूटनीति के जरिये शांति स्थापित होनी चाहिए। खूनखराबे से किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता।

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