रूस की गोलाबारी में दुनिया का सबसे बड़ा कार्गो विमान Antonov N-225 Mriya तबाह हो गया है। इसकी जानकारी यूक्रेन के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर दी गई है। इसमें कहा गया है कि कीव के पास मौजूद एयरफील्ड में खड़ा ये विमान रूस की गोलाबारी में नष्ट हो गया है। यूक्रेन ने ये भी कहा है कि वो इस विमान को दोबारा मरम्मत कर सही बनाएगा और अपने सपनों को पूरा करेगा। इस ट्वीट में एक लोकतांत्रिक देश के रूप में यूक्रेन का सम्मान बनाए रखने की बात कही गई है। हालांकि यूक्रेन के इस दावे पर विमान का निर्माण करने वाली कंपनी Antonov ने कहा है कि वो इस विमान के नष्ट होने के बारे में फिलहाल कुछ नहीं कह सकता है। कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि उसको नहीं पता है कि इस विमान की क्या स्थिति है। एक अनुमान के मुताबिक इस विमान की मरम्मत पर करीब तीन अरब डालर खर्च होंगे।
इस विमान के बमबारी में नष्ट होने पर यूक्रेन के विदेश मंत्री ने दिमित्रो कुलेबा ने भी दुख जताया है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि ये दुनिया का सबसे बड़ा विमान था मरिया, जिसके नाम का अर्थ होता है सपना। इसमें उन्होंने आगे लिखा है कि रूस ने भले ही इसको नष्ट कर दिया है लेकिन वो कभी हमारे लोकतांत्रिक यूरोपीय राज्य के सपने को नष्ट नहीं कर सकेगा यूक्रेन एक मजबूत और स्वतंत्र राष्ट्र बना रहेगा। रूस हमारे सपने को नष्ट नहीं कर सकेगा और हम प्रबल बनेंगे। दुनिया के इस सबसे बड़े विमान की खासियत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि ये अब तक केवल एक बार ही भारत आया था। वर्ष 2016 में पहली और आखिरी बार ये हैदराबाद के शमसाबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरा था और इसका वाटरकेनन सल्यूट देकर जोरदार स्वागत किया गया था।
Antonov N-225 Mriya विमान का इस्तेमाल नासा ने भी अपने स्पेसशिप ले जाने के लिए किया है। इस विमान का किसी भी देश में जाना उसके लिए गर्व का विषय रहा है। इस विमान का डिजाइन 80 के दशक में तैयार किया गया था और 21 दिसंबर 1988 को दुनिया के इस सबसे बड़े कार्गो विमान मारिया ने पहली बार उड़ान भरी थी। इस विमान का वजन करीब 600 टन है। ये एक बार में करीब साढ़े छह सौ टन कार्गो ले जाने में सक्षम है। ये विमान करीब 84 मीटर लंबा है और इसमें दस टैंक और दो एयरक्राफ्ट आ सकते हैं।
इस विमान में काकपिट की तरफ से आगे का हिस्सा उठाकर सामान लादा जाता है। इतना विशाल और इतना वजनी होने के बाद भी आज तक इसकी हर उड़ान बेहद सफल रही है। इसलिए कंपनियों के लिए ये एक पसंदीदा विमान भी रहा है। अक्सर बड़े देश इसका इस्तेमाल अपने बड़े और वजनी कार्गो की डिलीवरी के लिए करते आए हैं। ये विमान करीब साढ़ आठ सौ किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है।