पितृ पक्ष की अमावस्या का इस बार खास योग, कष्ट होंगे दूर

       घरों में पितरों की पूजा का क्रम चल रहा है। श्राद्ध के इन 15 दिनों में लोग अपने पुरखों की आवभगत करके उन्हें अमावस्या के दिन विदाई देते हैं और पितर मृत्युलोक से फिर स्वर्गलोक में चले जाते हैं। पितृ पक्ष के दिनों में धरती पर आकर अपने स्वजनों से कुछ पाने की आस रखने वाले पितर अगर खुश होकर जाते हैं तो आशीर्वाद देते हैं और अपने परिवार की रक्षा करते हैं। पितृ पक्ष का अंतिम दिन छह अक्तूबर को सर्वपितृ अमावस्या के दिन पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि इस बार यह अमावस्या काफी खास है। जो योग बन रहा है वह काफी सालों बाद आया है। इससे पीढ़ियों के पुराने कर्ज उतर जाएंगे। आइए जानते हैं।

गजछाया योग है इस बार
जानकारी के मुताबिक, अश्विन महीने की अमावस्या में पितृ पक्ष के श्राद्ध की विदाई होती है। यह सर्वपितृ अमावस्या होती है क्योंकि इस दिन सभी पूर्वजों का तर्पण किया जाता है और विदा दिया जाता है। यह कुल और परिवार के सबसे पुराने पुरखे भी होते हैं जिनकी जानकारी नहीं होती है। इस बार सर्वपितृ अमावस्या में गजछाया योग बन रहा है यह कई साल बाद पड़ा है। इसके बाद यह 2029 में आठ साल बाद पड़ेगा। इससे पहले यह 2010 में पड़ा था। बताया जा रहा है कि इस दिन सूर्य और चंद्रमा सूर्योदय से लेकर शाम तक हस्त नक्षत्र में ही होंगे। यह गजछाया योग कहलाती है। इसमें पितृ प्रसन्न होते हैं और कर्ज से मुक्ति मिलती है। घर में भी सुख और समृद्धि आती हैं।

क्या करना चाहिए
पितृ पक्ष की अमावस्या में अपने पितरों को जल और भोजन अर्पित करें। इसके अलावा गाय, कुत्ते और कौवे को भोजन कराएं। गजछाया योग में घी मिली हुई खीर का दान करें। बताते हैं कि इससे पितृ 12 साल के लिए तृप्त होंगे। साथ ही ब्राह्म्णों को भोजन कराना चाहिए और गरीब लोगों को भी। उन्हें दान में वस्त्र व अन्न भेंट कर सकते हैं। पितृ पक्ष की अमावस्या के दिन पितृ आपको आशीर्वाद देकर अपने गंतव्य की ओर जाए यह अच्छा और शुभ होगा।

GB Singh

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