शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक अगर शनि की दृष्टि टेढ़ी हो जाए तो उस राशि के जातक के दिन उलट हो जाते हैं। शनि देव को कर्मफल देवता भी कहा गया है। ज्योतिष विद्या के अनुसार सनी एक मात्र ऐसा ग्रह है जो सभी ग्रहों में सबसे मंद गति यानी की सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि शनि ग्रह जब चक्कर लगाते हैं तो किसी एक राशि से जब गुजरते वह ढाई वर्षो तक वहां पर रहते हैं । इसके अलावा जब शनि वक्री मार्ग से गुजरते हैं तो टेढ़ी दृष्टि कहे जाते हैं । आपको बता दें कि इस समय मकर राशि में शनि देव विराजित है। 23 मई से शनि देव उल्टी दिशा में चलने लगेंगे जिसका प्रभाव राशि के जातकों पर पड़ेगा। यह प्रभाव उन राशियों पर पड़ेगा जिनपर शनि देव की साढ़े साती या ढैया चल रही है।
धनु राशि
जिन राशियों में शनिदेव की साढ़ेसाती या ढैया चल रही है उन राशियों में एक राशि धनु राशि है। धनु राशि में शनि देव की साढ़ेसाती चल रही है। इस साढ़ेसाती का यह अंतिम चरण है। 23 मई से शनि देव वक्र हो जायेंगे जिसका प्रतिकूल प्रभाव इस राशि पर पड़ेगा। वहीं जब शनिदेव मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे तो धनु राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी। जिससे धनु राशि की समस्याओं का हल होने लगेगा। बता दें कि 17 जनवरी 2023 से धनु राशि पर से शनि की साढ़ेसाती हट जाएगी।
मकर राशि पर शनि का प्रभाव
।।।वर्तमान में शनि देव मकर राशि में विराजित हैं ऐसे में 23 मई से शनिदेव की इस राशि पर उल्टी चाल चलना शुरू हो जाएंगे जिससे मकर राशि के जातकों की नौकरी और सेहत से संबंधित समस्याएं सामने आ जाएंगी। आपको यह भी बता दें कि 2025 मैं मकर राशि से शनिदेव की साढ़ेसाती खत्म होने की संभावना है जिसके बाद मकर राशि में आ रही समस्याएं कम हो जाएंगी ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक शनिदेव जिस राशि में ढाई साल तक विराजित रहते हैं उस राशि के एक राशि पहले और एक राशि बाद तक शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव बना रहता है।
समझने के लिए आपको बता दें कि 3 राशियों 3 राशियों पर शनिदेव की साढ़ेसाती ढाई ढाई साल तक बनी रहती है। जब शनिदेव मकर राशि से मीन राशि में प्रवेश करेंगे मकर राशि के जातकों को इस साढ़ेसाती से निजात मिलेगी।