सावन का महीना चल रहा है और अब यह समाप्त होने की ओर है। इसके बाद भाद्रपक्ष शुरू हो जाएगा। लेकिन सावन के महीने में पड़ने वाली दूसरे एकादशी करीब है। महादेव को समर्पित इस पूरे महीने में एक यह दिन भगवान विष्णु के लिए होता है। सावन की एकादशी में पड़ने वाली यह दूसरी एकादशी पुत्रदा कहलाती है। इसमें पुत्र प्राप्ति की इच्छा से लोग व्रत करते हैं। आइए जानते हैं इस व्रत के विषय में।
कठिन व्रत है एकादशी
एकादशी के व्रत को काफी कठिन माना जाता है। यह व्रत व्यक्ति के तमाम तरह के कष्टों से तो दूर करता ही है साथ ही पाप को भी नष्ट करता है। कहते हैं कि इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है। वैसे कृष्ण और शुक्ल पक्ष में एकादशी आती है और सभी का अलग महत्व है। सावन में पड़ने वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहते हैं यह विष्णु को समर्पित है। यह संतान सुख की कामना के लिए है। इससे मनोकामना पूर्ण होती है। यह व्रत 8 अगस्त को सोमवार के दिन है।
कब करें एकादशी व्रत
सावन मास में पड़ने वाले शुक्ल पक्ष में पुत्रदा एकादशी पड़ती है। यह सोमवार को 8 अगस्त के दिन है। हालांकि एकादशी सात अगस्त को ही शुरू हो जाएगी। यह रविवार रात में 11 बजकर 50 मिनट पर शुरू होगा और 8 अगस्त को रात तक रहेगी। ज्योतिषशास्त्र की मानें तो एकादशी का व्रत का पारण भी काफी अच्छे से करना चाहिएि। तभी इसका फल मिलता है। नियमों का ध्यान रखना इस व्रत के लिए बहुत आवश्यक है। व्रत का पारण 9 अगस्त को मंगलवार के दिन सुबह 5:46 से 8:26 तक करना बेहतर होगा।
GB Singh