देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने अपने ग्राहकों को एक खास सुविधा की सौगात दी है। ये सुविधा सेविंग बैंक अकाउंट होल्डर्स के लिए है। दरअसल बैंक ने जमा रकम से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है। बैंक ने सेविंग्स अकाउंट में नॉन-होम ब्रांच के जरिए कैश डिपॉजिट पर मैक्सिमम लिमिट को हटा लिया है। इसका मतलब ये हुआ कि अब एसबीआई के पर्सनल सेविंग्स अकाउंट होल्डर नॉन-होम ब्रांच के जरिए अकाउंट में जितना चाहे नकदी जमा करा सकेंगे।
इंटरनेट पर भी हिंदी का बोल-बाला
सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व को समेट हिंदी अब विश्व में लगातार अपना फैलाव कर रही है। देश-विदेश में इसे जानने-समझने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। विश्व में हिंदी भाषी करीब 70 करोड़ लोग हैं। ये तीसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इंटरनेट के इस युग ने हिंदी को वैश्विक धाक जमाने में नया आसमान मुहैया कराया किया है।
हिंदी जानने, समझने और बोलने वालों की बढ़ती संख्या के चलते अब विश्व भर की वेबसाइट हिंदी को भी तवज्जो दे रही हैं। ईमेल, ईकॉमर्स, ईबुक, इंटरनेट, एसएमएस एवं वेब जगत में हिंदी को बड़ी सहजता से पाया जा सकता है। माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, आइबीएम और ओरेकल जैसी कंपनियां काफी व्यापक बाजार और भारी मुनाफे को देखते हुए हिंदी इस्तेमाल को बढावा दे रही हैं।
ट्रेन यात्रियों को राहत देने की तैयारी
रेलवे में फ्लेक्सी फेयर भले ही पूरी तरह से खत्म नहीं हो, लेकिन कुछ बदलाव कर ट्रेन यात्रियों को राहत देने की तैयारी में रेलवे है। कुछ ट्रेनों में अस्थायी रूप से फ्लेक्सी फेयर योजना बंद भी की जा सकती है। प्रीमियम ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए जल्द ही राहत की खबर मिलने वाली है। रेलवे ने फ्लेक्सी फेयर योजना में बदलाव करेगा। पूरी तरह से तो फ्लेक्सी फेयर खत्म नहीं किया जाएगा, लेकिन जिस रूट पर यात्रियों का टोटा रहता है उस रूट पर फ्लैक्सी को खत्म किया जाएगा।
महोबा के एक दंपत्ति का सराहनीय कदम, लड़कियों को सीखा रहे आत्मरक्षा के गुर
अगली अच्छी खबर लड़कियों की सुरक्षा से जुड़ी है। लड़कियों की सुरक्षा के लिए एक दंपत्ति ने सराहनीय कदम उठाया है। दरअसल, महोबा के एक दंपत्ति शहर के बच्चों को खासकर लड़कियों को अपनी आत्मरक्षा और आत्मनिर्भर रहने का हुनर और कराटे की ट्रेनिंग दे रहे हैं। जहां सुबह से ही दर्जनों लड़कियां सेल्फ डिफेन्स की ट्रेनिंग लेने के लिए इकठ्ठा हो जाती हैं। यहां रहने वाले दंपत्ति पवन और प्रियांशी आर्य इन लड़कियों को जूडो कराटे सिखाकर आत्मरक्षा के गुर देते हैं। इतना ही नहीं बच्चों को कराटे की तैयारी कराकर राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में सहभागिता दिला महोबा का नाम भी रोशन कर रहे हैं |