देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने छोटे डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए 1,000 रुपये तक के आईएमपीएस (तत्काल भुगतान सेवा) हस्तांतरण पर शुल्क समाप्त कर दिया है. इससे पहले 1,000 रुपये तक के आईएमपीएस लेनदेन पर देय सेवाकर के साथ स्टेट बैंक प्रति लेनदेन 5 रुपये का शुल्क वसूल रहा था. उल्लेखनीय है कि आईएमपीएस एक त्वरित अंतरबैंकिंग इलेक्ट्रॉनिक कोष हस्तांतरण सेवा है. इसका उपयोग मोबाइल फोन और इंटरनेट बैंकिंग दोनों माध्यम से किया जा सकता है.
बैंक ने कहा, “छोटे लेनदेन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उसने 1,000 रुपये तक के आईएमपीएस हस्तांतरण पर शुल्क माफ कर दिया है.” वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू होने के बाद वित्तीय लेनदेन पर 18% की दर से कर लगाए जाने की सूचना देने के दौरान उसने यह जानकारी दी. अब 1,000 रुपये तक के आईएमपीएस हस्तांतरण पर शुल्क माफ होगा जबकि 1,000-1,00,000 रुपये के लेनदेन पर 5 रुपये और 1,00,000 रुपये-2,00,000 रुपये पर 15 रुपये शुल्क देय होगा.
जीएसटी के बाद एसबीआई के ये नियम भी बदले
1 जुलाई से जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) देशभर में लागू हो जाने के बाद 15 फीसदी सेवा शुल्क के स्थान पर अब 18 फीसदी जीएसटी लगेगा. एसबीआई ने अपने मोबाइल ऐप एसबीआई बैंक बडी (SBI Bank Buddy) के यूजर्स समेत कुछ और कैश ट्रांजैक्शन्स संबंधी एटीएम निकासी के सर्विस चार्ज में कुछ हफ्ते पहले बदलाव किए थे जोकि 1 जून से लागू हो चुके हैं.
एसबीआई बैंक अपने बडी ऐप के इस्तेमाल से एटीएम से पैसे निकालने पर प्रति निकासी 25 रुपये का चार्ज लगेगा. एसबीआई ने कहा है कि बैंक बडी के इस्तेमाल के जरिए एटीएम से निकासी पर अब 25 रुपये से कुछ अधिक जीएसटी लगेगा. यदि आप एसबीआई बडी से अपने बैंक के सेविंग अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करते हैं तो आपको 3 फीसदी + टैक्स चुकाने होंगे.
चेक बुक
ग्राहकों को नए चेक बुक के लिए 10 लीफ चेक बुक के लिए 30 रुपये, 25 लीफ के लिए 75 रुपये के अलावा 18 फीसदी जीएसटी और 50 लीफ के लिए 150 रुपये के साथ-साथ कर भुगतान करना होगा.
नए एटीएम कार्ड पर शुल्क
एसबीआई ने कहा है कि नए 1 जून से नए एटीएम कार्ड पर शुल्क वसूला जाएगा. रुपे क्लासिक कार्ड नि:शुल्क जारी होंगे.