देश भर में जेईई-NEET परीक्षाओं को लेकर जारी तनाव के बीच आज सुप्रीम कोर्ट में एक अहम सुनवाई हुई। इस अहम सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को NEET पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री पाठ्यक्रमों में इन-सर्विस डॉक्टरों को सीटों के आरक्षण का लाभ देने की अनुमति दे दी है। सुप्रीम कोर्ट मे हुई एक अहम सुनवाई में 5 जजों की की पीठ ने कहा कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया(Medical Council Of India) के पास पोस्ट ग्रेजुएट(पीजी कोर्स) में प्रवेश के लिए इन-सर्विस डॉक्टरों को आरक्षण देने या ना देने की कोई शक्ति नहीं है।
परीक्षा टालने को लेकर छात्र ने चीफ जस्टिस को लिखा पत्र
देश भर में सितंबर महीने में नीट-जेईई प्रवेश परीक्षाएं आयोजित होने जा रही है। इसको लेकर देश के अलग-अलग कोने में विरोध हो रहा है। देश में नीट-जेईई प्रवेश परीक्षाएं कराने को लेकर कई छात्र आपत्ति जता रहे हैं और परीक्षा को टालने की मांग कर रहे हैं। इस बीच जेईई की परीक्षा में शामिल होने जा रहे 17 वर्षीय छात्र ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया शरद अरविंद बोबड़े को पत्र लिखकर परीक्षा टालने का आग्रह किया है। उसने पत्र में COVID-19 और बाढ़ संकट के मद्देनजर जेईई और नीट परीक्षाएं स्थगित करने का अनुरोध किया है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 अगस्त को दिए अपने फैसले में कहा था कि नीट-जेईई की प्रवेश परीक्षाएं तय समय पर ही होंगी, कोरोना से जिंदगी नहीं थम सकती। कई राज्य सरकारों ने इस पर पुनर्विचार की मांग भी की है। परीक्षाओं को स्थगित कराने को लेकर जो राज्य सरकारें सुप्रीम कोर्ट पहुंची हैं उनमें पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान, बंगाल, झारखंड और महाराष्ट्र शामिल हैं। हालांकि इन परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग दिल्ली और ओडिशा भी कर रहे हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में दाखिल पुनर्विचार याचिका में इन राज्यों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। फिलहाल इन परीक्षाओं को आयोजित करने को लेकर अलग-अलग राज्यों में तैयारियां शुरू हो गई हैं।
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