SC अवमानना के दो मामलों में वकील प्रशांत भूषण को थोड़ी देर में सुनाएगा सजा

सुप्रीम कोर्ट अवमानना के दो मामलों में वकील प्रशांत भूषण को थोड़ी देर में सजा सुनाएगा। न्यायपालिका के खिलाफ दो आपत्तिजनक ट्वीट करने के मामले में कोर्ट ने 14 अगस्त को प्रशांत भूषण को दोषी ठहराया था। जस्टिस अरुण मिश्र की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ उनको सजा सुनाएगी। अदालत की अवमानना कानून के तहत उन्हें छह महीने की सामान्य कैद या दो हजार रुपये का जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को माफी मांगने के लिए समय दिया था, लेकिन उन्होंने माफी मांगने से इन्कार कर दिया था। इसके बाद 25 अगस्त को सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण के वकील राजीव धवन ने पीठ से भूषण को सजा नहीं देने का आग्रह किया था।

पिछली सुनवाई पर जस्टिस मिश्र की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने भूषण से कहा था कि आखिर वो क्यों माफी नहीं मांग सकते। माफी शब्द बोलने में उन्हें दिक्कत क्या है। जस्टिस मिश्र दो सितंबर को रिटायर होने वाले हैं।अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने भी अदालत से भूषण को आगे से ऐसा नहीं करने की चेतावनी देते हुए माफ करने का आग्रह किया था। तब पीठ ने भूषण को अपना बयान वापस लेने पर विचार करने के लिए आधे घंटे का वक्त भी दिया था। वेणुगोपाल ने भी भूषण से अपने सभी बयान वापस लेने और खेद जताने को कहा था। लेकिन भूषण ने ऐसा करने से मना कर दिया था। वेणुगोपाल के आग्रह पर पीठ ने कहा था कि गलतियां सभी से होती हैं, उन्हें स्वीकार कर लेनी चाहिए। लेकिन भूषण तो अपनी गलती मानने को तैयार नहीं हैं।

भूषण ने 29 जून को एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की एक तस्वीर पोस्ट की थी, जिसमें वह एक महंगी बाइक पर बैठे थे। उन्होंने तस्वीर के साथ आपत्तिजनक टिप्पणी भी की थी। उसके बाद दूसरे ट्वीट में उन्होंने देश के हालात को लेकर पिछले चार प्रधान न्यायाधीशों की भूमिका पर सवाल उठाए थे। भूषण के खिलाफ अवमानना का एक और मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

प्रशांत भूषण के इन 2 ट्वीट को अवमानना माना

पहला ट्वीट: 27 जून- जब इतिहासकार भारत के बीते 6 सालों को देखते हैं तो पाते हैं कि कैसे बिना इमरजेंसी के देश में लोकतंत्र खत्म किया गया। इसमें वे (इतिहासकार) सुप्रीम कोर्ट खासकर 4 पूर्व सीजेआई की भूमिका पर सवाल उठाएंगे।

दूसरा ट्वीट: 29 जून- इसमें वरिष्ठ वकील ने चीफ जस्टिस एसए बोबडे की हार्ले डेविडसन बाइक के साथ फोटो शेयर की। सीजेआई बोबडे की आलोचना करते हुए लिखा कि उन्होंने कोरोना दौर में अदालतों को बंद रखने का आदेश दिया था।

भूषण को पहले भी अवमानना का नोटिस दिया गया था

प्रशांत भूषण को नवंबर 2009 में भी सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना का नोटिस दिया था। तब उन्होंने एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में सुप्रीम कोर्ट के कुछ जजों पर टिप्पणी की थी।

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