सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लगे झटके से नाराज उत्तर प्रदेश के हजारों शिक्षामित्र दिल्ली के जंतर-मंतर पर पिछले तीन दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. भीड़ को देखते हुए पुलिस बल को प्रदर्शन स्थल पर तैनात कर दिया गया है. दस हजार रुपये मानदेय से असंतुष्ट शिक्षामित्रों का जंतर-मंतर पर 11 से 14 सितंबर तक धरना-प्रदर्शन चलेगा. भारी संख्या में शिक्षामित्र ट्रेनों और बसों से दिल्ली पहुंचे हैं. शिक्षामित्रों ने अपने धरने को आमरण अनशन में बदलने की चेतावनी भी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी, तो वे इसे अनिश्चितकालीन अनशन में तब्दील करेंगे.
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समान कार्य, समान वेतन की मांग
शिक्षामित्रों का समायोजन 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया गया था. वहीं उन्हें टीईटी पास करने के बाद ही भर्ती में मौका देने की बात फैसले में कही गई. लेकिन शिक्षामित्र लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि केंद्र सरकार कानून में संशोधन कर उन्हें समायोजित कर सकती है. वहीं वे शिक्षक बनने तक समान कार्य, समान वेतन की मांग पर अड़े हैं.
ये है सुप्रीम कोर्ट का फैसला
उत्तर प्रदेश के 1.72 लाख शिक्षा मित्रों को सहायक शिक्षकों के तौर पर समायोजित करने के बारे में अहम व्यवस्था देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा मित्रों को राहत देने से इंकार कर दिया है. लेकिन साथ ही कोर्ट ने कहा है कि एक लाख 38 हजार शिक्षा मित्र बने रहेंगे. इसके साथ ही जो 72 हजार सहायक शिक्षक, जो शिक्षक बन गए हैं यानी BA और TET करके वो अपने पद पर रहेंगे.
शिक्षामित्रों को उम्र के नियमों में छूट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ऐसे शिक्षामित्रों को TET पास करने के लिए दो मौके मिलेंगे, जिनका सहायक शिक्षकों के तौर पर समायोजन हुआ था. इसके साथ ही शिक्षामित्रों को उम्र के नियमों में छूट मिलेगी.
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