सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को देश के अंग्रेजी नाम इंडिया (INDIA) को बदलने की याचिका पर सुनवाई की जाएगी। देश के अंग्रेजी नाम ‘इंडिया’ पर याचिकाकर्ता नम: ने आपत्ति जताई है और सुप्रीम कोर्ट से इसे बदलकर ‘भारत’ करने का आग्रह किया है। याचिकाकर्ता नम: (Namah) ने कोर्ट से देश का अंग्रेजी नाम इंडिया से बदलकर भारत करने की गुजारिश की है।
गुलामी की निशानी है देश का नाम ‘इंडिया’
याचिकाकर्ता ने कोर्ट के समक्ष जो याचिका पेश की है उसमें कहा है कि देश का अंग्रेजी नाम इंडिया शब्द गुलामी की निशानी है। अत: देश का नाम एक ही होना चाहिए।
संविधान में हो संशोधन
याचिकाकर्ता का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन कर देश का अंग्रेजी नाम इंडिया शब्द को हटा दिया जाए। देश को मूल और प्रमाणिक नाम भारत से ही मान्यता दी जानी चाहिए। याचिका में कहा गया है कि अंग्रेजी नाम के हटने से हमारी राष्ट्रीयता, खास तौर से भावी पीढ़ी को अभिमान रहेगा।
महाराज भरत के कारण देश का नाम ‘भारत’
महाराज भरत ने देश का संपूर्ण विस्तार किया और इसलिए ही देश का नाम उनसे जुड़ गया और ‘भारत’ हो गया। इसके बाद मध्य युग में तुर्क और ईरान से लोग यहां आए और सिंधु घाटी में प्रवेश किया। ये सब ‘स’ का उच्चारण ‘ह’ करते थे जिससे हिंदुओं का देश हिंदुस्तान हो गया। लेकिन जब अंग्रेजों ने भारत को अपना गुलाम बनाया तब उन्होंने इंडस वैली यानी सिंधु घाटी के आधार पर इस देश का नाम इंडिया कर दिया।