महाकाल शिवलिंग का जलाभिषेक होना चाहिए या नहीं और कितनी मात्रा में हो इस पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया। कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि आरओ के पानी से महाकाल शिवलिंग का अभिषेक किया जाना चाहिए। बताया जा रहा है कि प्रति श्रद्धालु आधा लीटर जल अभिषेक के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।
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इससे पहले इस पर फैसला होना था कि अभिषेक के लिए पंचामृत (दूध, दही, शहद, शकर और घी) से अभिषेक हो या नहीं और कितनी मात्रा में हो। दरअसल, चढ़ावे से शिवलिंग के आकार का छोटा (क्षरण) होने के चलते कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसके बाद जांच के लिए एएसआई की कमेटी सर्वे के लिए गई थी।
इससे पहले एक रिपोर्ट सामने आई जिसके मुताबिक देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर के शिवलिंग को खतरा है। ये रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को भी सौंपी गई। ऐसा बताया जा रहा था कि उज्जैन के महाकाल को गंगाजल से ही नहीं दूध, दही, शहद, चीनी इत्यादि से भी परहेज करने की जरूरत है। ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि पुरातत्व विभाग की टीम ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी अपनी एक रिपोर्ट में कहा है।
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