शेयर बाजार के तमाम तरह के कामों पर सरकार की भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय यानी सेबी नजर रखती है। इसकी ओर से आए दिन किसी न किसी प्रकार के नियम बनाए जाते हैं ताकि निवेशकों को अधिक से अधिक परेशानियों से बचाया जा सके और शेयर बाजार में किसी तरह की कोई गड़बड़ी न हो। बताया जा रहा है कि अब सेबी ने आईपीओ के लिए एंकर निवेशकों के लिए कुछ नए नियम बनाए हैं। एंकर निवेशक काफी जरूरी माने जाते हैं। क्या हैं यह नियम, आइए जानते हैं।
लॉक इन पीरियड को बढ़ाया
सेबी ने नियमों में जो बदलाव किया है उसके मुताबिक, म्युचुअल फंड और आईपीओ में निवेश करने वालों को अब कम जोखिम होगा। सेबी की ओर से आईपीओ के एंकर निवेशकों के लिए निकासी की सीमा भी तय की दी है साथ ही फंड को सही इस्तेमाल को भी नियम बनाया गया है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, एंकर निवेशकों के लिए लॉक इन पीरियड को अब 30 दिन नहीं बल्कि 90 दिन कर दिाय गया है। निकासी की सीमा भी 50 फीसद कर दी गई है।
कहां होगा फंड का उपयोग
आईपीओ के माध्यम से जो कंपनियां फंड को इकट्ठा करती हैं वह अब 25 फीसद इस्तेमाल सिर्फ आर्गेनिक कामों में कर सकेंगे। इसके अलावा 75 फीसद राशिा कारोबार को आगे बढ़ाने में लगाना होगा। आईपीओ 20 फीसद की हिस्सेदारी को प्रवर्तकों की लॉक इन अवधि को तीन साल से घटा रही है और यह अब 18 महीने के लिए कर दी गई है। वहीं, 20 फीसद से जयादा की हिस्सेदारी पर लॉक इन अवधि को छह महीने कर दिया गया है, यह पहले एक साल थी। म्युचुअल फंड योजना को बंद किया जा रहा है तो पहले यूनिट धारकों की मंजूरी जरूरी होगी। यह अप्रैल 2022 के बाद जो आईपीओ आएंगे उन पर लागू होंगे। इसके अलावा शेयर बेचने के लिए सूचीबद्ध वाले दिन पूरा हिस्सा नहीं बेच सकते बल्कि 50 फीसद हिस्सा ही बेच सकेंगे। यह 20 फीसद से ज्यादा हिस्सेदारी रखने वालों पर लागू होगा। इसके अलावा भी कई जरूरी नियम बनाए गए हैं।
GB Singh
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