रुचि सोया के दिन अच्छे नहीं चल रहे हैं। पहले बाजार के खराब प्रदर्शन में लोगों को थोड़ा नुकसान हुआ तो उसके बाद अब यह विवादों में फंस गई है। बाजार नियामक सेबी की ओर से रुचि सोया के एफपीओ में निवेश करने के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए जो तरीका अपनाया है उसके गलत बताया है। यह कहते हुए जितने भी लोगों ने इस पर अपना खुदरा निवेशक के तौर पर बोली लगाया है उनको 30 मार्च तक का समय दिया गया है ताकि वे अपनी बोली वापस लें। क्या है पूरा मामला, आइए जानते हैं।

बाजार के खिलाफ चल गया दांव
बापा रामदेव के पतंजलि ने जब रुचि सोया को टेकओवर किया था, तब रुचि सोया ने निवेशकों को जमकर कमाई करके दी थी। लेकिन सेबी की कार्रवाई से निवेशकों पर जैसे आफत आ गई है। रुचि सोया के एफपीओ यानी फॉलो आॅन पब्लिक आॅफर के लिए आवेदन करने वालों को बोली वापस लेने को सेबी की ओर से कहा गया है। यह बोली 28 से 30 मार्च तक वापस लेनी है। बताया जा रहा है कि रुचि सोया को निवेशकों को बोली वापस लेने की सुविधा देने कहा गया था। पंतजलि के एफपीओ के बारे में एसएमएस से प्रचार को लेकर सेबी की ओर से आदेश दिया गया है। क्योंकि यह प्रचार भ्रामक प्रतीत होने पर इसे नियम के अनुरूप नहीं माना गया है। इसमें बाबा रामदेव का अतिप्रचार उनको उल्टा पड़ गया।
क्या है मामला
रुचि सोया की ओर से एफपीओ में निवेशकों के लिए प्रचार किया गया है, जिसपर सेबी ने कड़ी नाराजगी जताई है। कहा गया है कि रुचि सोया अखबार में विज्ञापन दे और जो मैसेज भेजे गए हैं उसके बारे में बताए। अभी तक रुचि सोया के एफपीओ को काफी अच्छा रिस्पांस मिल रहा था। सोमवार को भी 3.6 फीसद का सब्सक्रिप्शन मिल गया था। रुचि सोया ने 4.89 करोड़ की इक्विटी शेयर के लिए बोली लगाई थी जबकि बोली पेश की गई 17.56 करोड़ की। कंपनी ने प्राइस बैंड 615- 650 तय किया था। यह 24 मार्च को खुला था। शेयरों में इसके उछाल भी दिखा है।
GB Singh
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