लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग एवं जीवीके क पनी के अधिकारी भले ही 15 मिनट में एम्बुलेंस पहुंचने का दावा करते हैं लेकिन हकीकत सादिया खातून बयां करती हैं। जो प्रसव पीड़ा से कराहते हुए एक घंटे तक 108 सरकारी एम्बुलेंस का इंतजार करती रहीं लेकिन एम्बुलेंस नहीं आयी। मजबूरन उन्हें ई-रिक्शे का सहारा लेना पड़ा। सादिया लोहिया अस्पताल पहुंच पाती उससे पहले ही रिक्शे में प्रसव हो गया।

अस्पताल पहुंचने पर सादिया व परिजनों को डाक्टरों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ा, जहां स्ट्रेचर पर रखते समय बच्चा नीचे गिर गया। मुंशी पुलिया निवासी गर्भवती सादिया खातून को सवेरे प्रसव पीड़ा हुई। जिसके बाद उसके बाद परिजनों ने 108 ए बुलेंस को फोन कर बुलाया लेकिन ए बुलेंस नहीं आयी।
करीब एक घंटे तक इंतजार के बाद भी ए बुलेंस नहीं आयी तो परिजनों ने जैसे-तैस गर्भवती को ई-रिक्शे पर बिठाकर राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय ले जाने का निश्चय किया। परिजन पॉलेटेक्निक चौराहे के निकट ही पहुंचे थे सादिया को प्रसव पीड़ा शुरू हो गयी और कुछ ही देर में उसने बच्चे को जन्म दे दिया।
परिजन उसे उसी हालत में लेकर अस्पताल पहुंचे और डाक्टरों को उसकी हालत बयां की। स्वास्थ्य कर्मी सादिया को रिक्श से उठाकर स्ट्रेचर पर रखने के लिए बाहर आए। यहां पर भी कर्मचारियों की लापरवाही सामने आयी जिसके चलते सादिया एक नवजात शिशु नीचे गिर गया। परिजनों ने जैसे तैसे उसे संभाला और दोबारा स्टे्रचर पर लिटाया।
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