लखनऊ: अपने पति को झूठे मामले में फंसाने के लिए एक महिला ने अपराध की दुनिया का सहारा लिया। उसने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पहले तो पति के नाम पर फर्जी सिमकार्ड खरीदा था। इसके बाद रोडवेज के दो अधिकारियों व एक सर्राफ से लाखों रुपये की रंगदारी मांगी। पुलिस सर्विलांस की मदद से जब महिला के पति के पास पहुंची तो पता चला कि बेचारा पति बेकसूर है। इसके बाद राजधानी लखनऊ की पुलिस ने आरोपी महिला के प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया, पर आरोपी महिला अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर है।
एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि कृष्णानगर के चंद्रलोक कालोनी में देवेन्द्र कुमार गर्ग गोमतीनगर डिपो में सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक के पद पर तैनात हैं। उनके पास से बीते 3 अक्टूबर की दोपहर सरकारी फोन पर एक मैसेज व फोन आया। मैसेज रंगदारी का था। मैसेज भेजने वाले ने देवेन्द्र कुमार से 20 लाख रुपये की रंगदारी की मांग की थी।
रुपये की मांग पूरी न होने पर आरोपी ने उनको व उनके परिवार वालों को जान से मारने की धमकी दी थी। इस मैसेज के आने के बाद देवेन्द्र कुमार व उनके परिवार काफी सहमा हुआ था। पीडि़त ने इस बात की शिकायत कृष्णानगर पुलिस से भी की थी। इस मामले में 9 अक्टूबर को कृष्णानगर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ रंगदारी मांगने की रिपोर्ट दर्ज की थी। मामले की छानबीन के दौरान व सर्विलांस की मदद पुलिस ने पता किया तो पता चला कि रंगदारी मांगने वाले ने कानपुर निवासी विकास शुक्ला के नाम से सिमकार्ड का प्रयोग किया था।
यह सिमकार्ड तेलीबाग इलाके से 12 सितम्बर को खरीदा गया था। इसके बाद कृष्णानगर पुलिस कानपुर निवासी विकास के पास पहुंची तो उसने बताया कि उसने कोई सिमकार्ड नहीं खरीदा था। सिमकार्ड खरीदने के लिए उसके मतदाता पहचान पत्र का प्रयोग किया था। विकास ने बताया कि आधार कार्ड छोड़कर उसके सारे दस्तावेज उसकी पत्नी कानपुर निवासी विभा के घर पर है और उसका व विभा का विवाद चल रहा है।
वह मौजूदा समय में विभा से अलग रहता है। बस इसी के बाद कृष्णानगर पुलिस ने छानबीन को आगे बढ़ाया तो पता चला कि विभा ने अपने प्रेमी आशियाना निवासी रंजीत यादव के साथ मिलकर रंगदारी मांगने का काम किया था। कृष्णानगर पुलिस ने फिलहाल आरोपी रंजीत को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उसके पास से घटना में प्रयुक्त मोबाइल फोन व सिमकार्ड बरामद कर लिया है। इस मामले में आरोपी विभा अभी फरार है।
इस तरह हुई थी रंजीत व विभा की मुलाकात
इंस्पेक्टर कृष्णानगर अंजनी पाण्डेय ने बताया कि आरोपी रंजीत पहले रोडवेज में संविदा पर चालक था। कुछ समय पहले उसको नगराम के हत्या के प्रयास में जेल गया था। रंजीत का अपनी पत्नी से विवाद चल रहा था। जेल से रिहा होने के बाद रंजीत जब अपनी मां के पास कानपुर पहुंचा तो उसकी वहां पर मुलाकात विभा से हुई। विभा का भी अपने पति से विवाद चल रहा था। इस तरह रंजीत व विभा एक दूसरे के करीब आ गये। अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए रंजीत ने रंगदारी मांगने की सोची। वहीं विभा ने अपने पति को रंगदारी की घटना में फंसाने की साजिश रची और दोनों ने वारदात को अंजाम दिया।
रोडवेज प्रबंधक व एक सर्राफ से भी मांगी थी रंगदारी
छानबीन व पूछताछ में कृष्णानगर पुलिस को इस बात का पता चला कि आरोपी रंजीत ने रोडवेज मेें तैनात प्रबंधक अखिलेश कुमार व श्यामलाल ज्वैलर्स के मालिक अंकुर आनंद से भी रंगदारी की मांग के लिए फोन किया था। रोडवेज के प्रबंधक ने इस बात की शिकायत एसपी क्राइम से की थी,जबकि सर्राफ ने इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताया था। आरोपी रंजीत की गिरफ्तारी के बाद जब कृष्णानगर पुलिस ने प्रबंधक अखिलेश कुमार व सर्राफ से सम्पर्क किया तो प्रबंधक उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए तैयार हो गये, पर सर्राफ ने कोई भी कार्रवाई करने से इनकार कर दिया।