लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने शिक्षा प्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर दिये हैं। हुआ यूं कि चिनहट के बाघामऊ स्थित सेंट स्टीफेन स्कूल की प्रधानाध्यापिका ने 9वीं की छात्रा पूजा यादव को बेरहमी से पीटा। छात्रा के बेहोश होने पर भी प्रधानाध्यापिका उसे पीटती रही। सूचना पाकर परिजन स्कूल पहुंचेए लेकिन उन्हें छात्रा से नहीं मिलने दिया गया। इस पर परिजनों ने स्कूल में हंगामा किया और मामले की सूचना पुलिस को दी। छात्रा का कसूर सिर्फ इतना था कि वह फ्री पीरियड में हंस रही थी।
गोमती नगर के मलेसेमऊ गांव निवासी उमाशंकर यादव की 15 वर्षीय बेटी पूजा यादव बाघामऊ स्थित सेंट स्टीफन स्कूल में कक्षा 9 की छात्रा है। गुरुवार को गणित के अध्यापक स्कूल नहीं आए थे। सभी बच्चे आपस में बात करने में मस्त थेए तभी प्रधानाध्यापिका दीपा कक्षा में पहुंची और पूजा को हंसता हुआ देखकर आग बबूला हो गईं।
उन्होंने पूजा को डस्टर से पीटना शुरू कर दिया। प्रधानाध्यापिका ने पूजा के सिर पर भी कई बार डस्टर से वार किए। इससे पूजा बेसुध होकर गिर पड़ी। पूजा के बेहोश होने पर प्रधानाध्यापिका ने उसे क्लास रूम में ही बंद कर दिया।
प्रधानाध्यापिका द्वारा पूजा की पिटाई की जानकारी जब इसी स्कूल में कक्षा दस में पढऩे वाली बड़ी बहन पूर्णिमा यादव को हुई तो उसने यह जानकारी परिजनों को दी। सूचना पाकर पूजा के पिता उमाशंकर स्कूल पहुंचेए जहां उन्हें पूजा से मिलने नहीं दिया गया। उमाशंकर ने मामले की जानकारी पुलिस को दी।
पुलिस के पहुंचने पर प्रधानाध्यापिका ने पूजा से उन्हें मिलने दिया। पिता ने बताया कि जब वह क्लास में पहुंचे तो पूजा बदहवास हालत में मिली। परिवार वालों ने उसे लोहिया अस्पताल ले जाया गया जहां से उसे बलरामपुर अस्पताल रेफर कर दिया गया। इस मामले में अब आरोपी प्रधानाध्यापिका के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गयी है। वहीं उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोप को गलत बताया है।