सोना खरीदकर लोग अपनी संपत्ति बनाते हैं। उसे बच्चे के पैदा होने पर खरीदते हैं और किसी की शादी होने पर गहने बनाते हैं। इससे सोना एक तरह से उनकी संपत्ति की तरह बन जाता है। लेकिन सोने किसी कार्य के लिए खरीदना ही निवेश नहीं है बल्कि कई अन्य तरह के सोने में निवेश करना भी एक तरह का फायदा है। यहां आपको बताएंगे कि कैसे गोल्ड में निवेश करें कि वह आपको अच्छा रिटर्न दें।
सोने की मांग बने रहे के कई कारण हैं। इसमें हम और आप जो आभूषण बनवाते हैं वहां से लेकर बैंकों के गोल्ड संपत्ति के तौर पर रखने, बाजार, महंगाई के जोखिम को संभालने के तौर पर शामिल किया जाता है।
गोल्ड में निवेश के कई रास्ते
भौतिक सोना : भौतिक सोना यानी फिजिकल गोल्ड उसे कहते हैं जो आपके पास साक्षात रूप में पाया जाता है। जैसे आप कोई आभूषण, सोने के सिक्के, बिस्किट या सोने की बनी कोई और चीज खरीदते हैं तो यह भौतिक सोना कहलाता है। लेकिन सुरक्षा का डर हमेशा सताएगा। शुद्धता को लेकर भी आप चिंता में रह सकते हैं। इसके अलावा इसकी सुरक्षा में अतिरिक्त खर्च आता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड : सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को स्टॉक एक्सचेंज, बैंकों और पोस्ट आॅफिस किस्त के माध्यम से देता है। कोई भी व्यक्ति इस गोल्ड बॉन्ड के जरिए एक वित्तीय वर्ष में एक ग्राम से लेकर चार किलोग्राम तक अधिकतम बॉन्ड खरीद सकता है। कीमतों में बढ़ोतरी होने पर बॉन्ड को निवेशकों को 2.5 फीसद के वार्षिक ब्याज भी मिलता है और इसका भुगतान छमाही में हो जाता है। ये बात अलग है कि ब्याज की रकम निवेशक के टैक्स स्लैब पर लगने वाले टैक्स पर आधारित होगी।
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड : गोल्ड फंड फिजिकल सोने की कीमतों को काफी नजदीक से ट्रैक करते हैं। ऐसे फंड काफी सहायक साबित हो सकते हैं। क्योंकि इनकी बाजार में पकड़ बनी रहती है। किसी भी तरह के इटीएफ की तरह ही गोल्ड फंड की यूनिट को स्टॉक एक्सचेंज पर खरीद या बेंच सकते हैं। हालांकि इनमें ब्रोकरेज और वार्षिक रखरखाव शुल्क बढ़ता है।
गोल्ड लोन : गोल्ड लोन लोग दो या तीन साल के लिए ही लेते हैं। हालांकि अवधि बढ़ सकती है। लोन के लिए कोलैटरल के रूप में गोल्ड आपको किसी भी रूप में बैंक को देना होगा। गोल्ड लोन के लिए क्रेडिट हिस्ट्री की जरूरत नहीं पड़ती। हालांकि हिस्ट्री अच्छी होने पर कम ब्याज पर यह मिलता है। यह लोन पर्सनल लोन के मुकाबले काफी सुरक्षित लोन कहा जाता है।
GB Singh