भाद्रपद के महीने में पड़ने वाली अमावस्या कल यानी 27 अगस्त को है। इस बार यह शनिवार को पड़ रही है। शनिवार को पड़ने के कारण इस शनिचरी अमावस्या की महत्ता भी काफी बढ़ गई है। बताया जाता है कि शनिवार की अमावस्या काफी समय पर पड़ती है और दोनों ही दिनों का अपना अलग महत्व है। शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा होती है और इस दिन अमावस पड़ने से अगर उपाय किए जाएं तो काफी संकट दूर होते हैं। इसलिए राशि के अनुसार उपाय करना चाहिए। आइए जानते हैं।
राशियों पर होगा असर
भाद्रपद में पड़ने वाली अमावस्या कृष्ण पक्ष की 26 अगस्त यानी आज शुक्रवार के दिन दोपहर में साढ़े 12 बजे से शुरू हो जाएगा। फिर यह 27 अगस्त को यानी कल शनिवार के दिन दोपहर डेढ़ बजे तक रहेगी। शनिदेव के मकर राशि में वक्री अवस्था में होने की वह से यह धनु, मकर, कुंभ राशि के लोग साढ़े साती और मिथुन व तुला राशि के लोग ढैय्या से काफी दिक्कत में चल रहा हैं। ऐसे में शनिवार की अमावस के दिन इन राशि वालों के लिए उपाय करना अच्छा होगा।
ये करें उपाय
शनिवार की अमावस्या के एक दिन पहले यानी शुक्रवार की रात में गुड़ और काली उड़द की दाल को कपड़े में बांध लें और सिरहाने पर रख लें। दूसरे दिन शनिवार के दिन पोटली की चीजों को मंदिर में दान करें। शनिवार के दिन सरसो का तेल लैं और उसमें सिक्का डालें और फिर उसमें अपनी परछाई देंकें। यह गरीब या जरूरतमंद को दान करें। शाम को पीपल के नीचे सरसो के तेल का दीपक जलाएं। साढ़े साती और ढैय्या वाले शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाएं और दीपक जलाएं। काली उड़द की दाल चढ़ाएं व इससे बना प्रसाद बांटें। शनिवार को हनुमान जी के दर्शन करें और चालीसा का पाठ करें।
GB Singh