केंद्र सरकार ने अपने बजट में मध्यम वर्ग को देखा जाए तो प्रत्यक्ष तौर पर कोई फायदा या राहत नहीं पहुंचाई है। लेकिन दूसरे तरीके से देखें तो उनको आर्थिक लाभ कुछ अप्रत्यक्ष तरीके से मिल सकते हैं। जैसे सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए लोगों को थोड़ी राहत दे दी है, यानी दो तक के पुराने आईटी आसानी से फाइल कर सकेंगे। इसके अलावा एनपीएस यानी नेशनल पेंशन सिस्टम में भी योगदान बढ़ाने की राहत दी है। आइए जानते हैं।
टैक्स की बचत पर कितना प्रभावी होगा निर्णय
केंद्र सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में वैसे तो काफी हद तक लोगों के हितों की बात की है, लेकिन बजट आम इंसान के समझ से अभी थोड़ा बाहर है। साफ-साफ तरीके से कोई छूट या राहत न मिलने के कारण लोग मायूस हैं। लेकिन इनकम टैक्स को लेकर जो छूट सीमा बढ़ाने की मांग की जा रही थी उसे नहीं माना गया है, इसकी जगह लोगों को अब पुराने आईटी रिटर्न दाखिल करने की अनुमति दे दी गई है। इसके अलावा एनपीएस यानी नेशनल पेंशन सिस्टम में रियायत से कुछ हद तक राहत मिल सकती है। जानकारी के मुताबिक, अगर कर्मचारी का बेसिक और डीए 50 हजार रुपए तक आता है तो एनपीएस में उसका अंशदान अब 10 फीसद यानी के 5 हजार रुपए के बराबर होगा। इसमें सरकार 7000 रुपए का अंशदान देगी। अगर 20 फीसद के स्लैब में आए तो कंपनी के 10 फीसद पर ही छूट मिलती थी। और बाकी टैक्स देना होता था। लेकिन अब 14 फीसद टैक्स छूट का दावा हो सकेगा और छूट मिलेगी।
कितना होगा योगदान
सरकार की ओर से एनपीएस में दस फीसद की जगह 14 फीसद का सरकार की ओर से योगदान दिया जाएगा। इससे सरकारी कर्मचारी में टैक्स छूट का दायरा बढ़ गया है। इसके अलावा वित्त मंत्री नया टैक्स रिफार्म लाती हैं तो उसमें भी कर्मचारियों को पेंशन पर टैक्स छूट मिलेगी। एनपीएस में केंद्र सरकार और राज्य सरकार का योगदान 14 फीसद ही बताया जा रहा है। इसके अलावा सरकार ने कारपोरेट टैक्स को भी 18 फीसद से 15 फीसद घटाकर करने का प्रस्ताव दिया है। सरचार्ज को भी 12 से घटाकर सात फीसद करने को कहा गया है।