प्रेगनेंसी के दौरान की स्किन प्रॉब्लम्स, आसान तरीकों से पाएं छुटकारा

एक औरत के जीवन का सबसे खूबसूरत पड़ाव प्रेगनेंसी होता है. मां बनने से एक औरत की पूरी दुनिया बदल जाती है. कहते हैं मां बनाना इतना आसान नहीं होता. ये बात बिलकुल सच है. इसका एहसास मुझे तब हुआ जब मैं मां बनी. प्रेगनेंसी के शुरूआती दिनों से ही आपको कई तरह की प्रॉब्लम्स होने लगती है.

इस दौरान हमें  बदलते मिजाज, मॉर्निंग सिकनेस और अजीबोगरीब खाने की क्रेविंग से जरूर जूझना पड़ता है. मगर यह सब प्रेगनेंसी के सफर का एक हिस्सा होते हैं. हर किसी की प्रेगनेंसी अलग होती है, ज्यादातर महिलाओं में त्वचा में महत्वपूर्ण बदलाव भी एक बात आम है. प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले मुंहासे, रैशेज, त्वचा का रंग सावला होना और त्वचा सम्बंधित अन्य समस्याएं हमारे मिजाज को बिगाड़ने का काम करती हैं. मगर प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली स्किन प्रॉब्लम्स से छुटकारा पाया जा सकता है. कैसे? आइए जानते हैं-

 

1. मुंहासों की समस्या

प्रेगनेंसी के दौरान चेहरे पर मुंहासे होना काफी आम है, खासकर पहली और दूसरी तिमाही में. क्योंकि आपके हार्मोन अव्यवस्थित हैं, इसलिए एंड्रोजन नामक हार्मोन के चलते मुंहासों की समस्या उत्पन्न हो सकती है. ये आपकी त्वचा में ग्रंथियों के सेबम प्रोडक्शन में काफी वृद्धि करने का कारण बनते हैं, जो रोम छिद्रों को बंद कर सकते हैं, नतीजा मुंहासे. कोशिश करें कि प्रेगनेंसी के दौरान आप दिन में कम से कम दो बार अपना चेहरा धोएं. आपकी त्वचा को सूट करने वाले स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें. आप मुल्तानी मिट्टी, खीरे के रस और नींबू से बने मास्क का भी उपयोग कर सकते हैं जो अत्यधिक सेबम प्रोडक्शन को संतुलित करते हैं और त्वचा को सौम्य बनाते हैं.

 

2. स्ट्रेच मार्क्स होना

ज्यादातर महिलाओं में ये प्रॉब्लम पायी जाती है. जन्म देने की चमत्कारी प्रक्रिया शरीर में कई बदलावों के बिना संभव नहीं है. जैसे-जैसे आपका पेट बढ़ता है, आपकी त्वचा में खिंचाव होता है जिसके परिणामस्वरूप स्ट्रेच मार्क्स होते हैं. ये तब होते हैं जब आपका शरीर तीव्र गति से बढ़ रहा होता है. लगभग 90% गर्भवती महिलाओं को स्ट्रेच मार्क्स के अनुभव से गुजरना पड़ता है. आप स्ट्रेच मार्क्स को पूरी तरह से रोक नहीं सकते हैं, लेकिन उन्हें कम जरूर कर सकते हैं. स्ट्रेच मार्क्स पर जैतून का तेल लगाएं. जैतून का तेल विटामिन ई का एक बड़ा स्रोत है जो त्वचा की लोच में सुधार करने में मदद करता है. यह त्वचा को मॉइश्चराइज भी रखता है, जिससे किसी भी तरह की खुजली या जलन से बचाव होता है.

3. पिगमेंटेशन

क्या आपको अचानक अपने चेहरे पर काले धब्बे दिखाई दे रहे हैं? इस स्थिति को मेलिस्मा कहा जाता है और गर्भावस्था के दौरान यह बिल्कुल सामान्य है. मेलास्मा हार्मोनल परिवर्तनों से शुरू होता है, जो गर्भावस्था का एक हिस्सा है. इसमें मेलेनिन का प्रोडक्शन तेजी से होता है, जिससे आपकी त्वचा पर काले धब्बे पड़ जाते हैं. इससे बचने के लिए जब भी आप घर से बाहर निकलने वाले हों तो सनस्क्रीन जरूर लगाएं. एसपीएफ 30 वाली सनस्क्रीन का प्रयोग करें. जहां तक ​​घरेलू उपचार का सवाल है, आप प्रभावित क्षेत्रों पर नींबू के रस को रगड़ने की कोशिश कर सकते हैं.

4. त्वचा पर पैदा होने वाले मस्से

बहुत सारी महिलाओं के हार्मोनल बदलाव के कारण चेहरे, गर्दन, बेस्ट और शरीर के अन्य हिस्सों में मस्से निकल आते हैं. हालांकि ये मस्से नुकसानदायक नहीं होते हैं. ज्यादातर मामलों में ये मस्से वापस चले जाते हैं, मगर कई मामलों में डिलीवरी के बाद भी यह मस्से जस के तस रहते हैं. इन मस्सों पर नजर रखें और अगर ये आपको तकलीफ दे रहे हैं, तो डॉक्टर से इसकी जांच करवा लें.

5. शरीर में खुजली होना

प्रेगनेंसी के दौरान आपके हार्मोन्स में कई तरह के बदलाव आते हैं. जिसके कारण भी त्वचा में खुजली की समस्या होती है. इससे निजात पाने के लिए आप अपने शरीर में नारियल के तेल के साथ कपूर मिलाकर लगा सकती हैं. इससे आपके शरीर को ठंडक मिलेगी और शरीर में हो रही खुजली कम होगी और कोई कविता दाग-धब्बा नहीं बनेगा.

By- कविता सक्सेना श्रीवास्तव

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