मकान या दुकान का निर्माण करते समय हमेशा उसके ढलान को ध्यान में रखना चाहिए क्योंकि वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर गलत ढलान की गई है तो उसका परिणाम भी गलत ही होगा। ज्योति शास्त्री यह सलाह देते हैं उनका कहना है कि जो घर या दुकान वास्तु शास्त्र के मुताबिक नहीं बनता तो घर के मुखिया या दुकान के मालिक के लिए यह शुभ संकेत नहीं होता।
ढलान गलत तो नकारात्मकता हावी
अगर दुकान या मकान की ढलान गलत होती है तो नकारात्मक ऊर्जा हावी होने लगती है और घर के सदस्यों में बीमारी या कलर क्लेश जैसी समस्याएं आने लगती हैं और आर्थिक स्थिति गिरती जाती हैं। परिवार में मतभेद होने की भी गुंजाइश हो जाती है।
कहां रखें ढलान
वास्तु शास्त्र के अनुसार ढलान को सही दिशा में रखना चाहिए और वास्तु विशेषज्ञ कहते हैं कि जो भूमिका ढलान है वह पूर्व उत्तर और ईशान दिशा में रहना चाहिए। यह दिशा लाभप्रद साबित होती है।
ढलान के लिए उत्तर दिशा
ढलान के लिए उत्तर दिशा सही मानी जाती है। वास्तु विशेषज्ञ कहते हैं की इस दिशा में भूमिका ढलान अगर हो तो स्वास्थ्य से संबंधित लाभ आपको प्राप्त होते हैं और घर में कभी धन और संपत्ति की कोई कमी नहीं रहती।
पूर्व दिशा में है ढलान तो होगा विकास
वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर ढलान पूर्व दिशा में है तो आपके विकास की गति और तेज हो जाएगी और आप को इसका लाभ प्राप्त होगा। पूर्व दिशा में जलन होने से आपके कार्यों में विकास होता है और वृद्धि होती है।
विपरीत दिशा में ढलान
वास्तु शास्त्र यह भी कहता है कि अगर विपरीत दिशा में ढलान होता है तो व्यक्ति को रोगों से ग्रसित माना जाता है। खासकर आग्नेय दक्षिण नृत्य पश्चिम वायव्य और मध्य में नीची भूम होने से उस ढलान में रहने वाले लोगों के लिए सेहत पर असर पड़ता है और बीमारियां आने लगते हैं। इससे ग्रह कलेश और मानसिक तनाव उत्पन्न होने लगता है।
जिस भूमि का ढलान पश्चिम और दक्षिण की ओर हो तो इससे अशुभ संकेत के रूप में देखा जाता है। वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिम दिशा की ओर भूमिका ढलान होने से धन का नाश होता है और दक्षिण दिशा में ढलान होने से नुकसान का सामना करना पड़ता है।
तो ऐसे में जब भी आप दुकान यह मकान का निर्माण कराएं तो सही दिशा का निर्धारण जरूर करें जिससे कि आपको प्रगति के रास्ते खुलते जाएं।