समाज कल्याण के लिए हर कोई कुछ ना कुछ करना चाहता है । हर युवा यही चाहता है कि वह कुछ ऐसी क्रांति कर दें जिससे कि समाज में सुधार आ सके। समाज सुधार का जज्बा लिए यही युवा कल के भविष्य होते हैं। लेकिन यहां बात ज्योतिष शास्त्र की हो रही है तो ज्योतिष के मुताबिक समाज सेवा करने से कौन से ग्रह सुधारते हैं और उसका क्या फल मिलता है यह जानना बहुत जरूरी है।
कुछ लोगों में देखा गया है कि समाज सेवा वह विश्वास करते हैं बिना किसी परपंच के पशु पक्षी और अस्थाई लोगों की सहायता करना उनकी आदत में शुमार होता है। पर क्या आप जानते हैं यह आप नहीं आप से ग्रह करवाते हैं। समाज सेवा का कार्य करना मनुष्य के जन्म से ही निर्धारित हो जाता है।
जातकों की पत्रिका
जिन लोगों के या जातकों के पत्रिका में बुध लग्न दशम व एकादश भाव में स्थित हो चाहे वह उच्च का हो या फिर नीच का शत्रु राशि में बैठा हो या मित्र राशि में विराजित हो व्यक्ति निस्वार्थ भावना से सामाजिक कार्यों के लिए ही जन्म लेता है और समाज कल्याण हेतु सेवा में कार्यरत रहता है।
जातकों में नहीं होता किसी भी चीज का लालच
समाज सेवा के लिए जन्मे जातकों के मन में कभी भी किसी भी चीज का लालच नहीं आता वह कितने भी ऊंचे पद और प्रतिष्ठान में कार्यरत क्यों ना हो जाए उनके मन में और भाव में हमेशा समाज सेवा ही होता है और यही कारण है कि वह आगे बढ़कर एक नए नाम के तौर पर समाज में प्रदर्शित होते हैं और समाज का नाम रोशन करते हैं।
बुद्ध कर्म का स्थान
जातकों के लग्न में बुध का स्थान जिस कर में स्थित होता है तो वह सामाजिक रूप से सम्मानित और प्रतिष्ठित होता है और अपने कार्यों से सभी से प्रशंसा का पात्र बनता है उसके समर्थक भी बहुत होते हैं हालांकि समर्थकों के साथ ही साथ विरोधी भी ऐसे जातकों के बहुत सारे होते हैं।
विरोधी होने पर भी कोई भी इन जातकों का कुछ बिगाड़ नहीं सकता।
बुध शुक्र की होती है अहम भूमिका
सामाजिक प्रतिष्ठान और सफलता पाने के लिए बुद्ध के साथ ही शुक्र ग्रह की अहम भूमिका जातकों के लग्न में होती है। शुक्र ग्रह को वैभवशाली ग्रह माना जाता है ऐसे सामाजिक प्रतिष्ठान में जाता कि रोज बढ़ती है और सम्मानित भी होता है समाज में उसकी प्रतिष्ठा बढ़ती है।